* जवाहरलाल नेहरू के बाल्यकाल की घटना है। उनके घर पिंजरे में एक तोता पलता था। पिता मोतीलालजी ने तोते की देखभाल का जिम्मा अपने माली को सौंप रखा था। एक बार नेहरूजी स्कूल से वापस आए तो तोता उन्हें देखकर जोर-जोर से बोलने लगा।
नेहरूजी को लगा कि तोता पिंजरे से आजाद होना चाहता है। उन्होंने पिंजरे का दरवाजा खोल दिया। तोता आजाद होकर एक पेड़ पर जा बैठा और नेहरूजी की ओर देख-देखकर कृतज्ञ भाव से कुछ कहने लगा। उसी समय माली आ गया। उसने डाँटा- 'यह तुमने क्या किया! मालिक नाराज होंगे।'
बालक नेहरू ने कहा- 'सारा देश आजाद होना चाहता है। तोता भी चाहता है। आजादी सभी को मिलनी चाहिए।'