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ईसाई समुदाय प्रभु यीशु की याद में मनाएगा पाम संडे

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यीशु का यरुशलम प्रवेश यानी पाम संडे

29 मार्च को पाम संडे (Palm Sunday) मनाया जा रहा है। पाम संडे यानी खजूर रविवार को ईसाई धर्म के अनुयायियों के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। 
 
पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे। लोगों ने प्रभु यीशु की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की बताई जाती है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है।
 
इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है। पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसे 'पैसन संडे' भी कहा जाता है। इस अवसर पर चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें बाइबल का पाठ, प्रवचन और ‍मिस्सा का आयोजन भी होगा। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाएगा।
 
ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं। वे हाथों में खजूर की डालियां लेकर प्रभु के आने की खुशी में गीत गाएंगे। गिरजाघरों में शुरू हुआ प्रभु आराधना एवं भक्ति का सिलसिला ईस्टर तक जारी रहेगा। इसमें झांकी सजाकर प्रभु के जीवन को दर्शाया जाएगा। 
 
 

पाम से ईस्टर संडे तक प्रभु की विशेष आराधना
 
इन दिनों संपूर्ण ईसाई समाज प्रभु यीशु की भक्ति में लीन रहेंगे। 29 मार्च, रविवार को पाम संडे के साथ चर्च में प्रारंभ होने वाला विशेष आराधना का दौर ईस्टर तक जारी रहेगा।

गुड फ्राइडे को एक तरफ जहां ईसाई समाजजन प्रभु यीशु के सूली पर चढ़ने को लेकर दुख भोग करेंगे, वहीं उनके पुनरुत्थान दिवस पर चर्चों में विशेष आराधना होगी तथा ईसाई बंधु एक-दूसरे के साथ ईस्टर की खुशियां मनाएंगे। 

 

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