मेरे प्रिय साथियों,
मैरी क्रिसमस,
हर साल मुझे आपके सुख-दुख के लाखों पत्र मिलते हैं। इन पत्रों में खुशबू होती है आपके मीठे प्यार की। कभी आंसू की बरखा होती है, कभी तकलीफों का पिटारा, कभी चहकती खुशियां तो कभी गमगीन दुनिया। हर पत्र के साथ मैं रोता हूं, मुस्कुराता हूं और कभी-कभी घंटों बैठकर सोचता हूं। सोचता हूं, आखिर एक मानव इस दुनिया में चाहता क्या है?
छोटी-छोटी मासूम खुशियां, सच्चा प्यार, अपनों की प्रगति, बड़ों का आशीर्वाद और भरपूर शांति। फिर क्यों आपकी इसी दुनिया में चारों तरफ नफरतों की जंग छिड़ी हुई है। क्यों हर साल बिना किसी गुनाह के सैकड़ों लोग मारे जाते हैं? आप सबके पत्र मुझसे मांगते हैं अपने लिए जिंदगी भर की दुआएं और आज मैं आपसे मांगता हूँ पल भर का सुकून। आप सब चाहते हैं आपकी जिंदगी में रौनक रहे, रोशनी रहे और मैं इस क्रिसमस पर आपसे चाहता हूं इस धरती पर शांति का श्वेत उजाला बना रहे।