पुणे। महाराष्ट्र में पुणे के एक अस्पताल में मानव परीक्षण के तहत 17 स्वयंसेवकों को रूस के स्पूतनिक वी (Sputnik V) कोरोनावायरस टीका लगाया गया है। डॉक्टरों ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह टीका गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलोजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) द्वारा मिलकर विकसित किया गया है। खबरों के अनुसार भारत ने रूस से इस टीके की 10 करोड़ खुराक खरीदी है।
यहां नोबल अस्पताल के क्लीनकल रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. एसके राउत ने कहा कि मानव परीक्षण के तहत पिछले तीन दिनों में 17 स्वस्थ स्वयंसेवकों को स्पुतनिक टीका लगाया गया है। बृहस्पतिवार को यह प्रकिया शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि जिन्हें टीका लगाया गया है, वे सभी अगले कुछ दिनों तक निगरानी में रहेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि स्वयंसेवकों का चयन निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया था क्योंकि वे स्वस्थ होने चाहिए थे।
फाइजर ने मांगी डीसीजीआई से अनुमति : ब्रिटेन और बहरीन में इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमति मांगी है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार फाइजर ने मंजूरी के लिए डीसीजीआई के समक्ष आवेदन पेश किया है। हालांकि डीसीजीआई ने इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है और न ही फाइजर ने इस जानकारी की पुष्टि की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने भी इस जानकारी की न ही पुष्टि की है और न ही इसका खंडन किया है।
अगर भारत में फाइजर की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए डीसीजीआई की अनुमति मिल जाती है तो यह ऐसा करने वाला दुनिया का तीसरा देश होगा। बहरीन ने गत शुक्रवार को घोषणा की थी कि उसने भी फाइजर के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
भारत में अब तक 96,44 ,222 व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 94 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति यानी 91,00,792 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और 1,40,182 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस तरह देश में फिलहाल संक्रमण के 4,03,248 मामले ही सक्रिय हैं। (वार्ता/भाषा)