नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में कोरोनावैक्सीन के दो अलग-अलग टीके लगाने से हड़कंप मच गया था। इस पर सरकार का बयान आया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति को मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत टीके की दोनों खुराकें एक ही वैक्सीन की लगानी चाहिए। उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों ने 20 ग्रामीणों को कोवैक्सी की दूसरी खुराक लगा दी थी जबकि उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई थी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि घटना की जांच की जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में कहा कि यदि किसी को भिन्न कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जाती है तो किसी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है। असल में यह फैलाया जा रहा है कि दो भिन्न टीकों की खुराकें लेने से मजबूत प्रतिरोधक क्षमता मिल सकती है… लेकिन दृढ़ राय के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है।
उत्तरप्रदेश की घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही यह हो गया है लेकिन व्यक्ति को चिंता नहीं करनी चाहिए। मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह करता हूं कि दोनों खुराकें एक ही टीके की दें। घटना बरहनी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है जहां औदाही कला और अन्य गांव के लोगों को 14 मई को कोवैक्सीन की खुराक दी गई।
पॉल ने कहा कि 'वैक्सीन की मिक्सिंग से इतना कोई सिग्निफिकेंट इश्यू नहीं होना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि अगर बदलकर वैक्सीन लगाओ, तो इम्यूनिटी ज्यादा होती है। हालांकि फिलहाल हम ऐसा नहीं देख रहे हैं। ऐसी कोई रिकमेंडेशन भी कहीं से नहीं आई है। कुछ देशों में इसको लेकर जो हुआ है, वह सिर्फ ट्रायल के तौर पर हुआ है। ट्रायल में देखा जा रहा है कि वैक्सीन को मिलाएं तो क्या फायदा होता है।