नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए जामितयों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस साल 1 जनवरी से देश में तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई। निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मुख्यालय से कोरोना वायरस के कई मामले सामने आए हैं।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 216 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।
बयान में कहा गया कि ऐसा आकलन है कि 1 जनवरी से तबलीगी गतिविधियों के लिए 2100 विदेशी भारत आए। तबलीगी जमात के देशी और विदेशी कार्यकर्ता वर्षभर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या ‘चिल्ला’ के लिए दौरे पर रहते हैं।
इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामांर , बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए आते हैं।
बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं। यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है।
चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर’ के द्वारा किया जाता है।
इसमें कहा गया कि 21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय। इसमें कहा गया कि इसके साथ ही, 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे। (भाषा)