--हेतल कर्नल
अहमदाबाद। गुजरात में कोरोना के कारण हालात बेहद विकट हैं। लगता है, जैसे पूरे राज्य को कोरोना ने मुट्ठी में कैद कर लिया हो। देश के अन्य राज्यों की तरह गुजरात के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की बेहद कमी है। मरीज इतने बढ़ गए हैं कि कहीं भी बेड उपलब्ध नहीं हैं।
राज्य में गुरुवार को 12 हजार 500 नए कोरोना मरीज मिले, वहीं 125 की मौत हो गई। कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। महामारी की इस दूसरी लहर में हर घंटे 5 लोगों की मौतें दर्ज हो रही हैं, वहीं 500 से ज्यादा लोग प्रति घंटे संक्रमित हो रहे हैं।
1 करोड़ से ज्यादा को वैक्सीन: गुजरात मे अब तक करीब 91 लाख लोगों को पहला डोज, 16 लाख 23 हजार लोगों को दूसरा डोज, इस तरह कुल 1 करोड़ 7 लाख 16 हजार 536 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वैक्सीन के कारण राज्य में किसी भी व्यक्ति में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
अहमदाबाद की स्थिति भयावह: गुजरात में कोरोना के कुल 84 हजार 126 एक्टिव केस हैं। इनमें से 361 लोग वेंटिलेटर पर हैं। अन्य मरीज स्टेबल हैं। 3 लाख 50 हजार के करीब मरीजों को छुट्टी दे दी गई है, वहीं 5 हजार 740 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। देखा जाए तो पूरे राज्य में अहमदाबाद की स्थिति भयावह है। केंद्र सरकार के कोविड-19 के आंकड़े दर्शाने वाली वेबसाइट के अनुसार देश में ऐसा जिला जहां 2,500 से ज्यादा मौतें हुई हों, उनमें अहमदाबाद टॉप पर है। सिर्फ सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो राज्य में कोरोना से होने वाली मौतों में से आधी तो सिर्फ अहमदाबाद में हो रही हैं।
हकीकत किसी को पता नहीं: कोरोना के कारण 20 अप्रैल तक राज्य में 5,615 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 2,667 (47.50%) मरीजों की मौतें सिर्फ अहमदाबाद में दर्ज की गईं। ये तो सिर्फ सरकारी आंकड़े हैं, लेकिन हकीकत किसी को पता नहीं है। इस शहर के श्मशानों की वेटिंग बताती है कि यह शहर लाशों के ढेर पर बैठा है। कहां कितना वेटिंग है, कोई नहीं जानता।
ये थे पिछले वर्ष के हालात: मई 2020 में 12 हजार 689 नए केस के साथ 824 लोगों की मौत दर्ज की गई थी यानी 6.6% का डेथ रेशो दर्ज हुआ था। उसके बाद डेथ रेट कम होने लगा। जून में 5.1% (510), जुलाई 2.1% (593), अगस्त में 1.7% (581) और सितंबर में 1.1 फीसदी यानी (431) मौतें होना दर्ज किया गया। इस वर्ष देखा जाए तो 20 अप्रैल 2021 तक 1,096 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके साथ ही केस भी बढ़कर 12 लाख 480 हो गए हैं। इसके कारण डेथ रेट 1 फीसदी से नीचे आया है। बढ़ती हुई मौतों की संख्या देखते हुए लगता है कि अप्रैल के अंत तक डेथ रेट 2 फीसदी को पार कर सकता है।