मुंबई। कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के कारण उत्पन्न चिंताओं के बीच महाराष्ट्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बड़ा कदम उठाते हुए फैसला किया कि 'जोखिम वाले' देशों से राज्य आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से 7 दिन तक संस्थागत पृथक-वास में रहना होगा।
प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ऐसे यात्रियों की राज्य में पहुंचने के दूसरे, चौथे और सातवें दिन RT-PCR पद्धति से जांच भी होगी।
उसमें कहा गया है कि यदि कोई यात्री संक्रमित पाया जाता है, तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। अगर उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो भी उसे सात दिन के लिए घर में पृथक-वास में रहना होगा।
ये है जोखिम वाले देश : केंद्र सरकार ने 'जोखिम वाले' देशों की सूची की घोषणा की है। जोखिम वाले देशों में यूरोपीय देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल हैं।
एट रिस्क देशों से आए 6 यात्री कोरोना संक्रमित : इस बीच दक्षिण अफ्रीका और अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र पहुंचे 6 यात्री कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनके नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेज दिए गए हैं।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से आए ये व्यक्ति मुंबई महानगर पालिका, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भयंदर और पुणे नगर निगम सीमाओं में मिले हैं। नाइजीरिया से पहुंचे 2 यात्री पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवड़ निगम क्षेत्र में मिले हैं।