मुंबई। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए बुधवार की सुबह महाराष्ट्र से राज्य परिवहन की कम से कम 70 बसें रवाना हुईं। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के धुले जिले से सुबह करीब 10.30 बजे बसें रवाना हुईं और बुधवार रात तक राजस्थान पहुंच जाएंगी।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के अधिकारी ने बताया कि बसें गुरुवार सुबह को कोटा से रवाना होंगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बस में केवल 20 छात्रों को बैठने की अनुमति होगी और बसें भोजन के लिए 2 से 3 स्थानों पर रुकेंगी।
महाराष्ट्र के कई छात्र 12वीं कक्षा के बाद विभिन्न प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी की तैयारी के सिलसिले में कोचिंग कक्षाएं करने के लिए कोटा में रह रहे हैं।
एमएसआरटीसी अधिकारी ने बताया कि 11 से 12 घंटे की लंबी दूरी के कारण प्रत्येक बसों को 2 चालक मुहैया कराए गए हैं और एक वैन बसों के बेड़े के साथ चलेगी ताकि वाहन में किसी तरह की खराबी आने पर उसे ठीक किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोटा से वापसी की यात्रा पर बसें छात्रों को उनके जिलों तक लेकर जाएगी।
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने मंगलवार देर रात एक ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के 1,780 छात्र कोविड-19 के खिलाफ लगाए गए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं। माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार एमएसआरटीसी की 92 बसें 29 अप्रैल 2020 को छात्रों को वापस घर लाने के लिए धुले से रवाना होंगी।
इसके बारे में पूछने पर एमएसआरटीसी अधिकारी ने बताया कि उन्हें 92 बसें भेजनी थीं लेकिन यह संख्या कम कर दी गई, क्योंकि रायगढ़ तथा बीड़ जैसे जिलों ने कोटा से छात्रों को वापस लाने के लिए निजी बसें भेजीं। महाराष्ट्र आपदा मोचन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि वापसी पर छात्रों को घर में 14 दिनों तक अनिवार्य रूप से पृथकवास करने के बाद अपने अभिभावकों के साथ चिकित्सा जांच करानी होगी।
ऐसे संकेत मिले हैं कि कुछ बड़े शहरों में बंद की अवधि बढ़ाई जा सकती है, जहां कोरोना वायरस संबंधी स्थिति अभी तक नियंत्रण में नहीं है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने छात्रों को वापस लाने का फैसला किया। (भाषा)