दुमका। भले ही राज्य सरकारें चरण बद्ध तरीके से कोरोना वायरस की वजह से लगे प्रतिबंध हटा रही हो लेकिन अभी महामारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। झारखंड और मध्यप्रदेश की यह 2 घटनाएं इस बात की पुष्टि करती है।
दुमका में फिर कोरोना की दहशत : पश्चिम बंगाल से झारखंड में दुमका स्थानांतरित किए गए सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 100 जवानों में से 9 में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। जवानों के कोरोना संक्रमित होने की खबर से हड़कंप मच गया।
दुमका के सिविल सर्जन बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य स्थानों से दुमका स्थानांतरित किए गए 100 एसएसबी जवानों में से नौ जवानों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है।
एसएसबी के जवान 3 दिन पहले दुमका जिले के काठीकुंड थाना अंतर्गत नरगंज एसएसबी कैंप पहुंचे थे। सभी जवानों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, बाकी जवानों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
भोपाल में डॉक्टर की पत्नी की मौत : भोपाल में जेपी अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डॉ. राजेंद्र गुप्ता की पत्नी रश्मि गुप्ता का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया।
डॉ. गुप्ता और उनकी पत्नी दोनों 15 नवंबर को कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉ. गुप्ता की हालत तो शुरू से ठीक थी, लेकिन पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही थी।
महंगी पड़ी लापरवाही : इंदौर में प्रशासन ने 7 सर्राफा प्रतिष्ठानों को शुक्रवार को इसलिए सील कर दिया क्योंकि उनके कारीगरों ने तय समय सीमा बीतने के बावजूद कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। ये प्रतिष्ठान पश्चिम बंगाल मूल के लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अक्षय सिंह मरकाम ने बताया कि प्रशासन की जांच में पाया गया कि शहर के सात सर्राफा प्रतिष्ठानों के कुल 15 कर्मचारियों ने तय समय सीमा बीतने के बाद भी महामारी रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है।