केंद्र सरकार एक मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही 45 साल या उससे अधिक की आयु वाले ऐसे लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
दरअसल, गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में उससे बचाव के लिए सरकार ने 45 पार के गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के भी वैक्सीनेशन का फैसला लिया है।
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कैसे 45 पार के लोग वैक्सीनेशन के लिए करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन। क्या होंगे नियम और शर्तें।
सरकार की ओर से अभी उन बीमारियों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है, जिनसे पीड़ित लोग वैक्सीनेशन करवा सकते हैं। लेकिन डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर, हार्ट, लंग्स, लिवर और किडनी की बीमारियों से ग्रसित लोगों को इस दायरे में लाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इन बीमारियों को गंभीर बीमारियों की कैटिगरी में रखा जाता है।
रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर की ओर से जारी सर्टिफिकेट को गंभीर बीमारी के लिए प्रमाण माना जाएगा। वैक्सीनेशन के लिए इसे दिखाना होगा।
कैसे होगा वेरिफिकेशन?
वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ आधार कार्ड ही नहीं 12 सरकारी आईडी मंजूर की गई हैं। इनमें आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, वोटर आईडी, सांसदों-विधायकों को जारी आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बैंक/डाकघर की पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्युमेंट, सरकारी सर्विस आईडी कार्ड और एनपीआर के तहत जारी किए गए स्मार्ट कार्ड।
कितनी होगी कीमत?
सरकारी अस्पताल में यदि आप वैक्सीनेशन कराते हैं तो फिर इसके लिए कोई राशि नहीं देनी होगी। लेकिन निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन पर एक बार का 400 रुपए देना पड़ सकता है। मतलब वैक्सीनेशन में आपको 800 रुपये खर्च करने होंगे, क्योंकि दवा एक महीने के अंतराल में दो बार लगती है। हालांकि अभी निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन का चार्ज तय नहीं किया गया है।
सरकार की ओर से जल्दी ही पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। यदि आप गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो वैक्सीनेशन से चूकें नहीं और सभी दस्तावेज तैयार रखें।