अगरतला। त्रिपुरा में कोरोनावायरस (कोविड-19) से संक्रमितों में सुधार के बाद राज्य सरकार ने नागरिकों को सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के लिए सतर्क किया है। राज्य की कुल आबादी का लगभग 34 फीसदी लोगों में इससे लड़ने के लिए विकसित एंटीबॉडी पाए गए हैं। अगरतला सरकार मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने राज्य के 30 इलाकों में एंटीबॉडी परीक्षण किया और पाया कि अधितकर लोग अभी भी कोरोना के प्रति अतिसंवेदनशील हैं।
राज्य में अभी तक इससे संक्रमित 31,706 मामले पाए गए है और इसके संक्रमण से 356 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले महीने के दौरान संक्रमण और मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है। हालांकि पॉजिटिविटी दर दर बढ़कर 6.54 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर में 3 प्रतिशत से कम थी।
रिपोर्ट के मुताबिक कोविड एंटीबॉडी परीक्षण के लिए 4800 नमूनों को एकत्रित किया गया और सीरोलॉजिकल विश्लेषण के बाद उत्तरी त्रिपुरा में 22.09 फीसदी नमूनों में एंटीबॉडी बनते हुए पाया गया। इसके बाद उनोकोटी में 37.06, ढलाई में 25.36, खोवई में 39.53, पश्चिम त्रिपुरा में 41.76, सेपाहीजाला में 41.40, गोमती में 40.50 और दक्षिण त्रिपुरा में 19.50 फीसदी नमूनों में एंटीबॉडी बनता हुआ पाया गया।
इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और मेघालय सहित 7 राज्यों की कोरोना स्थिति की समीक्षा की और यह सलाह दी कि राज्य सरकार कोरोनावायरस के ताजा प्रसार को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतें। उन्होंने बैठक में बताया कि कोरोना के कुल मामलों में 10 राज्यों महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, असम, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में देश के लगभग 60 प्रतिशत मामले हैं। (वार्ता)