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सीरो सर्विलांस का निष्कर्ष, मुंबई के झुग्गी क्षेत्र में रहने वाले 57 फीसदी लोगों में बन चुकी है एंटीबॉडी

हमें फॉलो करें सीरो सर्विलांस का निष्कर्ष, मुंबई के झुग्गी क्षेत्र में रहने वाले 57 फीसदी लोगों में बन चुकी है एंटीबॉडी
, बुधवार, 29 जुलाई 2020 (10:23 IST)
मुंबई। मुंबई में एक सीरो सर्विलांस सर्वेक्षण से जानकारी मिली है कि यहां 3 निकाय वार्डों के झुग्गी क्षेत्र में रहने वाली 57 फीसदी आबादी और झुग्गी इलाकों से इतर रहने वाले 16 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बन गई है। इससे संकेत मिलते हैं कि कोरोनावायरस के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक लोग पहले ही इससे संक्रमित हो चुके हैं।
सीरो सर्विलांस 3 जून को शुरू हुआ था और जुलाई माह के पहले 15 दिन में 3 निकाय वार्डों आर-नॉर्थ, एम-वेस्ट, एफ-नॉर्थ के झुग्गी बस्ती में रहने वालों और झुग्गी से इतर इलाकों में रहने वालों के 6,936 नमूने लिए गए। इसमें पता चला कि शहर में बिना लक्षण वाले संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।
 
बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने मंगलवार को बताया कि अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इन 3 निकाय वार्डों की झुग्गी में रहने वाली 57 फीसदी आबादी और गैर झुग्गी क्षेत्रों की 16 फीसदी आबादी के शरीर में एंटीबॉडी बन गई हैं। बीएमसी ने विज्ञप्ति में बताया कि यह परिणाम हर्ड इम्युनिटी के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने में महत्वपूर्ण है।
 
बीएमसी ने कहा कि इस संबंध में अन्य सर्वेक्षण होगा, जो कि वायरस के प्रसार और हर्ड इम्युनिटी (बड़ी आबादी में वायरस के प्रसार के बाद प्रतिरोधक क्षमता विकसित होना) पर प्रकाश डालेगा। यह सीरो सर्विलांस नीति आयोग, बीएमसी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल सिसर्च ने संयुक्त रूप से किया है।
 
निकाय अधिकारियों का दावा है कि सीरो सर्विलांस का यह परिणाम इस ओर इशारा करता है कि बिना लक्षण वाले संक्रमण की दर अन्य सभी प्रकार के संक्रमण से अनुपात में ज्यादा है। बीएमसी ने कहा कि हालांकि जनसंख्या में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में संक्रमण दर आंशिक रूप से ज्यादा है।
 
बीएमसी ने दावा किया कि झुग्गी क्षेत्रों में ज्यादा संक्रमण के पीछे यहां जनसंख्या घनत्व अधिक होना एक वजह हो सकती है, क्योंकि यहां शौचालय और पानी लेने वाले स्थान साझे हैं। नगर निकाय ने कहा कि सीरो सर्विलांस सर्वेक्षण में पता चलता है कि संक्रमण से होने वाली मृत्युदर काफी कम है तथा 0.5-0.10 फीसदी की रेंज में है। (भाषा)

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