मुंबई। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी विप्रो की परमार्थ इकाई ने कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिए शुरुआत में दिए गए 1,125 करोड़ रुपए के अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपए की और सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी के संस्थापक चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने मंगलवार को यह कहा।
प्रेमजी ने बांबे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अतिरिक्त अनुदान प्राथमिक तौर पर सभी के टीकाकरण के लिए दिया जाएगा। पिछले साल जब कोरोना वायरस शुरू हुआ था तब विप्रो ने महामारी से लड़ने के लिए 1,125 करोड़ रुपए की सहायता दी थी। इसमें पुणे स्थित कंपनी के कार्यालय को अस्पताल में परिवर्तित करना भी शामिल था।
प्रेमजी ने कहा कि हमारे काम के साथ-साथ जैसे-जैसे स्थिति बदलती चली गई, हमने महसूस किया है कि सभी का टीकाकरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी की दूसरी पहलें। इसलिए हमने कोविड- 19 राहत रणनीति में एक और महत्वपूर्ण कार्य को जोड़ा है और इसके लिए 1,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने की प्रतिबद्धता जताई है।
प्रेमजी ने महामारी को सदियों में एक बार होने वाली घटना बताया और इसके लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को साथ लेकर लड़ने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि इसके शुरुआती दिनों में ही इस महामारी से लड़ने के लिए मानवीय और स्वास्थ्य के पहलू को लेकर योजना तैयार कर ली गई थी।
प्रेमजी ने अपनी पूरी 80 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति को धर्मार्थ कार्यों के लिए देने की प्रतिबद्धता जताई है। उनका शिक्षा पर खास जोर रहा है। समझा जाता है कि वह बच्चों को बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में बिठा दिए जाने के सख्त खिलाफ हैं और स्कूल के दिनों का जो नुकसान हुआ है उस पर उपयुक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।(भाषा)