Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Covid 19 पर काबू पाने के लिए स्वीडन मॉडल अपना रही बंगाल सरकार

हमें फॉलो करें Covid 19 पर काबू पाने के लिए स्वीडन मॉडल अपना रही बंगाल सरकार
, शनिवार, 30 मई 2020 (11:50 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों में ढील देने की घोषणा के बीच एक जाने-माने चिकित्सक ने कहा है कि कोविड-19 की जांच बढ़ाने के साथ ऐसा लगता है कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए धीरे-धीरे स्वीडन या ताईवान का मॉडल अपना रही है।
सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉ. दीप्तेंद्र सरकार ने कहा कि लगभग 70 दिन से देशभर में लॉकडाउन है और केंद्र तथा राज्य दोनों ही सरकारों ने इस महामारी से निपटने के लिए अपने संसाधन जुटा लिए हैं। अब समय आ गया है कि पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जाए।
 
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वे दूसरे मॉडल को अपना रहे हैं। अभी तक वे पूरी ताकत से जिस मॉडल को अपना रहे थे, वह लॉकडाउन का है। चीन के वुहान में 72 दिन के लॉकडाउन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 60 से 70 दिन का लॉकडाउन संक्रमण के मामले कम करता है।
 
सरकार ने कहा कि स्वीडन मॉडल में या ताईवान अथवा दक्षिण कोरिया में उन्होंने लॉकडाउन के बजाय जांच बढ़ाने और उच्च जोखिम वाली आबादी को अलग करने पर जोर दिया जिसमें उन्हें उतनी ही सफलता मिली। सरकार ने शुरुआत में जांच सुविधाएं नहीं होने की वजह से कड़ा लॉकडाउन लगाया था, लेकिन अब देशभर में प्रतिदिन करीब 1 लाख नमूनों की जांच क्षमता के साथ सरकार लॉकडाउन मॉडल से स्वीडन या दक्षिण कोरिया अथवा ताईवान के मॉडल की ओर जा रही है।
 
डॉ. सरकार ने कहा कि इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के एक अध्ययन के अनुसार अगर 60 प्रतिशत आबादी साधारण मास्क पहने तो संक्रमण को 90 प्रतिशत तक फैलने से रोका जा सकता है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के सचिव डॉ. मानस गुमटा ने इस बात पर तो सहमति जताई कि किसी समय तो लॉकडाउन हटाया जाना चाहिए, लेकिन राज्य में बंद में दी जा रही ढील के तरीके पर उन्होंने आपत्ति जताई।
 
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटाने का वैज्ञानिक आधार होना चाहिए। गुमटा ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि लॉकडाउन सामान्यतया स्वास्थ्य संबंधी ढांचे को तैयार करने के लिहाज से समय निकालने के लिए था ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
 
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लॉकडाउन बिना किसी तैयारी के हटाया जा रहा है, इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। गुमटा ने कहा कि सरकार को राजस्व की जरूरत है और लोगों को भी आजीविका चाहिए और इसलिए लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाना होगा।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन इस समय धार्मिक स्थलों को खोलने का क्या उद्देश्य है, जहां लोग बड़ी संख्या में जमा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि घर से काम करने का चलन अनेक सेक्टरों में सामान्य होता जा रहा है और इसलिए सभी क्षेत्रों में समस्त कर्मचारियों को काम पर बुलाने की जरूरत नहीं है। गुमटा ने कहा कि सरकार को दफ्तरों में पाली व्यवस्था शुरू करने पर भी विचार करना चाहिए ताकि कार्यस्थलों और सार्वजनिक परिवहन के साधनों में एक समय पर कम लोग रहें। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona संकट: देश में एक दिन में 265 लोगों की मौत, 7,964 नए मामले