Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महाराष्ट्र में 'ब्लैक फंगस' म्यूकरमाइकोसिस से अब तक 52 लोगों की मौत

Advertiesment
हमें फॉलो करें महाराष्ट्र में 'ब्लैक फंगस' म्यूकरमाइकोसिस से अब तक 52 लोगों की मौत
, शुक्रवार, 14 मई 2021 (12:13 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले साल कोविड-19 फैलने के बाद से अब तक दुर्लभ और गंभीर फंगल संक्रमण म्यूकरमाइकोसिस से 52 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

 
म्यूकरमाइकोसिस को 'ब्लैक फंगस' के नाम से भी जाना जाता है। कोरोनावायरस से स्वस्थ हो रहे और स्वस्थ हो चुके कुछ मरीजों में यह बीमारी पाई गई है जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गई है। इस बीमारी के मरीजों में सिर में दर्द, बुखार, आखों में दर्द, नाक में संक्रमण और आंशिक रूप से दृष्टिबाधित होने जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि पिछले साल कोविड-19 शुरू होने के बाद से अब तक म्यूकरमाइकोसिस से महाराष्ट्र में 52 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से सभी कोविड-19 से स्वस्थ हो गए थे लेकिन 'ब्लैक फंगस' के कारण इनकी मौत हो गई।

 
अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया कि पहली बार राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 'ब्लैक फंगस' के कारण मरने वाले लोगों की सूची बनाई है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि राज्य में 'ब्लैक फंगस' के 1,500 मामले हैं। म्यूकरमाइकोसिस के मामले बढ़ने से राज्य के स्वास्थ्य देखभाल ढांचे पर बोझ बढ़ सकता है, जो पहले ही दबाव में है।

 
टोपे ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के इलाज के लिए 1 लाख एम्फोटेरिसिन-बी फंगसरोधी इंजेक्शन खरीदने के लिए निविदा निकालेगा। 'ब्लैक फंगस' से मरने वाले लोगों की दर अधिक है और इसने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं जिसने अपने सभी संसाधनों को कोविड-19 से लड़ने में लगा रखा है।
 
अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और 'ब्लैक फंगस' संक्रमण बढ़ने की रिपोर्टों के बाद राज्य ने आंकड़े जुटाने तैयार कर दिए हैं। इससे पता चला कि 'ब्लैक फंगस' संक्रमण से 52 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी 52 मरीजों की मौत देश में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बाद हुई। महाराष्ट्र में 2020 में बहुत कम लोगों की मौत हुई थी लेकिन इस साल ज्यादा मौतें हुईं।
 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस ज्यादातर उन कोविड-19 मरीजों में पाया जाता है जिन्हें मधुमेह है, रक्त में शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है या रक्त में आयरन का स्तर अधिक है। टोपे ने कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने 18 मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में अलग वार्ड बनाने का फैसला किया है।

webdunia
 
टोपे ने कहा कि इसके इलाज में कई विषयों में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह फंगल संक्रमण नाक और आंख के जरिए फैलता है और मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने माना है कि राज्य में म्यूकरमाइकोसिस के कारण कम से कम 8 मरीजों को 1 आंख से दिखना बंद हो गया है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

9.5 करोड़ किसानों के लिए खुशखबर, पीएम ने जारी की किसान योजना की 8वीं किस्त