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‘ब्लड थिनर’ से 50 प्रतिशत कम ‘कोविड डेथ’ का खतरा, स्‍टडी में खुलासा

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, मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021 (12:32 IST)
कोविड संक्रमण के बाद डॉक्‍टरों ने मरीजों को ब्‍लड थि‍नर की दवाइयां भी थी, जिससे ब्‍लड क्‍लॉट का खतरा कम किया जा सके। क्‍योंकि यह खून का पतला करने का काम करती है।

लेकिन अब एक स्‍टडी में सामने आया है कि ब्‍लड थि‍नर की दवाइयों से कोविड के मरीज के अस्पताल पहुंचने का खतरा 43 प्रतिशत तक कम होने और मौत की आशंका के लगभग 50 प्रतिशत कम होने की संभावना है।
'लांसेट ई क्लीनिकल मेडिसिन जर्नल' नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।

यह अनुसंधान, अमेरिका के 12 अस्पतालों और 60 क्लिनिक में 18 साल से अधिक उम्र के उन 6,195 मरीजों पर किया गया जिनकी जांच में चार मार्च से 27 अगस्त 2020 के बीच कोविड-19 का पता चला।

अमेरिका के मिनीसोटा विश्वविद्यालय और स्विट्जरलैंड के बेसेल विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। उन्होंने रक्त के थक्के नहीं जमने का उपचार ले रहे मरीजों और मौत की संभावना के बीच संबंध पर अध्ययन किया।

अध्ययन में पता चला कि जो मरीज कोविड-19 से पीड़ित होने से पहले रक्त पतला करने की दवाएं ले रहे थे उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 43 प्रतिशत कम थी।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित होने से पहले या उसके साथ रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहे मरीजों में मृत्यु दर लगभग आधी देखी गई।

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