पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, कई देशों में अभी भी लॉकडाउन और प्रतिबंध लागू है। इस बीच यह अच्छी खबर है कि इलाज के बाद कोरोना से संक्रमित कई लोग ठीक भी हो रहे हैं, लेकिन दूसरी चौंकाने वाली खबर यह भी है कि जिन लोगों को एक बार कोरोना हो चुका है उन्हें दोबारा इसका खतरा हो सकता है। यानि कोरोना बाउंसिंग बैक भी करता है।
जी हां, बाउंसिंग बैक यानी कोरोना का पलटवार। यानी कोरोना के जिस संक्रमित मरीज को इलाज कर ठीक किया जाता है, उसके ऊपर कोरोना पलटवार कर सकता है।
पहले यह माना जा रहा था कि संक्रमण के बाद इलाज से उस मरीज के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता या एंटी बॉडी बन जाती है, जिसके कारण दोबारा यह वायरस अटैक नहीं कर पाता है। लेकिन कुछ दिनों पहले जापानी मीडिया में हुए एक खुलासे ने चौंका दिया है। रिपोर्ट में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें कोविड-19 से पीड़ित जो पूरी तरह से ठीक होकर घर चले गए थे, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर जाने और परिवहन का उपयोग करेन के बाद फिर से कोरोना ने पलटवार कर दिया है। अब तक यह माना जा रहा था कि मरीज एक बार ठीक हो जाने के बाद दोबारा इसका शिकार नहीं होगा।
स्पेनिश नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (सीएसआईसी) में इस वायरस का शोध करने वाले लुई एखुआनेस के सामने ऐसे 14 प्रतिशत मामले आए हैं, जिनमें कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोग दोबारा किए गए टेस्ट पॉजिटिव पाए गए।
लुई एखुआनेस का मानना है कि वास्तव में ऐसा लगता है कि संक्रमण दोबारा तो नहीं हुआ लेकिन पूरी तरह से जिसे हम अमूमन जड़ से खत्म होना मान रहे थे, खत्म नहीं हुए वायरस शरीर में खुद को बढ़ाता रहा और दोबारा सामने आ गया। चिकित्सा विज्ञान की भाषा में इसे बाउन्सिंग बैक कहते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है कि कई बार शरीर के ऐसे टीशू में कुछ वायरस छिपे रह जाते हैं जहां शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति का असर कम पहुंचता है इसलिए ये बाउन्सिंग बैक करते हैं। इस बारे में जनरल फिजिशियन डॉक्टर किरणेश पांडे ने वेबदुनिया को बताया कि पोस्ट कोविड केयर के नियमों का पूरी तरह से पालन करें। उन्होंने कहा कि नीचे लिखी बातों का खासतौर से ध्यान रखने की सलाह दी।
बचने के लिए क्या करें
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कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड केयर का ध्यान रखें।
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घर से बाहर न निकलें।
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घर में और घर के सामने टहलने पर भी मास्क लगाएं।
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भले की आपकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी हो आप लोगों से दूरी बनाए रखें।
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इम्युनिटी बेहतर करने के लिए विटामिन-प्रोटीन और अच्छा भोजन लेते रहें।
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हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या योगा करें।
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खुश रहे, सकारात्मक रहें।
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अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।