सोशल मीडिया सूचनाओं का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है। यहां पर हर एक बात सच की तरह फैल जाती है वो भी बिना किसी सत्यापन के। जी हां, अगर आप झूठ को भी सच बोलेंगे यूजर्स उसे भी सच मानेंगे। जब तक कोई उन्हें सच से अवगत नहीं करा दिया जाता। हाल ही में एक पोस्ट वायरल हो रहा है जो कोरोना काल में घातक भी हो सकता है।
क्या वायरल हो रहा?
सोशल मीडिया वायरल पोस्ट में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन लिखी गई है। वायरल पोस्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण से कैसे बचें और यदि संक्रमित है तो कौन -सी दवाई लें, कितने समय के अंतराल से उसे लें। इतना ही नहीं पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह दवाई लेने के बाद कई मरीज ठीक भी हुए है।
क्या है सच्चाई?
जब इस वायरल पोस्ट को लेकर होम्योपैथी डॉक्टर कपिल दीक्षित से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यह वायरल पोस्ट गलत है। यह हौम्योपेथी दवाई है और कभी भी मरीज का परीक्षण किए बिना दवाई नहीं दी जा सकती है। क्योंकि होम्योपैथी में जो भी इलाज होता है वह मरीज में बीमारी के लक्षण के अनुसार पर होता है।
इन दिनों कोरोना के लक्षण में बहुत ज्यादा और तेजी से बदलाव हो रहे हैं। किसी को बिना लक्षण के भी कोरोना हो रहा है। शुरूआत में इसके लक्षण सर्दी, जुकाम, बुखार और आज पेट दर्द उल्टी और दस्त है।
डॉ. दीक्षित ने चर्चा में बताया कि, पोस्ट वायरल करने वाले शख्स से जब यह पूछा जाए कि आप डेटा उपलब्ध करा दीजिए कि यह वो मरीज है जिन्होंने यह दवाई ली और वह ठीक हो गए। वह नहीं बता सकेंगे।
डॉ. दीक्षित का कहना है कि कैम्फर 1 एम और आरसेनिक एएलबी 30 यह दोनों दवाई कोरोना वायरस से बचाव के लिए बिल्कुल भी कारगर नहीं है