1962 का युद्ध हो, 1965 या 1971 का युद्ध हो या फिर कारगिल की जंग की हो, भारतीय सेना के शौर्य का कोई सानी नहीं। मौत को भी मात देने वाले हमारे जांबाज सैनिक अपने साहस और बलिदान से नई-नई कहानियां गढ़ते हैं। ये कहानियां हमेशा देशवासियों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ती हैं।
लेकिन, कोरोना वायरस जैसे अदृश्य शत्रु ने हमारी सेना को भी 'वर्क फ्रॉम होम' के लिए भेज दिया है। हालांकि यह बहुत छोटा हिस्सा है, सीमा और दुर्गम इलाकों में आज भी हमारे जवान पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं। आइए जानते हैं इस पूरे मामले में क्या सोचते हैं वेबदुनिया के कार्टूनिस्ट सारंग क्षीरसागर...