नई दिल्ली। केंद्र ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जांच करने, पता लगाना और उपचार करने की रणनीति को जारी रखने के लिए कहा है, जहां कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। साथ ही केंद्र ने कहा कि जिन जिलों में ज्यादा संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं वहां मिशन मोड में प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाई जाए।
शनिवार को हुई एक बैठक में ऐसे राज्यों से कहा गया है कि कम से कम 15 दिनों और अधिकतम 28 दिनों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की खातिर निजी अस्पतालों के साथ गठबंधन करें। उनसे कहा गया है कि जो जिले एंटीजन जांच पर निर्भर हैं वहां आरटी-पीसीआर की जांच बढ़ाई जाए, जहां मामले बढ़ रहे हैं वहां निगरानी पर फिर से ध्यान केंद्रित किया जाए और चुनिंदा जिलों के उन क्षेत्रों में कड़ाई से निरूद्ध क्षेत्र बनाए जाएं और प्रति संक्रमित मामले में कम से कम 20 लोगों का पता लगाया जाए जो उनके संपर्क में आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) विनोद के. पॉल ने शनिवार को हरियाणा, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिवों तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशकों के साथ बातचीत की।
इसने कहा, इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाल के समय में संक्रमण की दर बढ़ी है और रोजाना संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय ने बयान में बताया कि उन्होंने इन आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए निगरानी, निरूद्ध क्षेत्र और कोविड-19 मामलों के प्रबंधन पर स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की।
बैठक में विस्तृत ब्यौरा में बताया गया कि दिल्ली के नौ जिले, हरियाणा के 15, आंध्रप्रदेश के दस, ओडिशा के दस, हिमाचल प्रदेश के नौ, उत्तराखंड के सात, गोवा के दो और चंडीगढ़ के एक जिले में साप्ताहिक संक्रमण की दर बढ़ी है जबकि यहां कुल जांच की संख्या में कमी आई है, आरटी-पीसीआर जांच कम हुई है और कोविड-19 से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का कम संख्या में पता लगाया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि उनसे कहा गया है कि जिन जिलों में मामलों की संख्या बढ़ रही है वहां कड़े निरूद्ध क्षेत्र लगाए जाएं, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए कम से कम 20 लोगों का पता लगाया जाए और जिलों में क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए।(भाषा)