नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र ने कहा कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को आरटी-पीसीआर जांच में तेजी लाने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र, महामारी से मुकाबला करने में लगातार राज्यों और केंद्र शासितप्रदेशों की सहायता करने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले संक्रमण के जो दैनिक मामले सामने आए थे अब उससे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है जो चिंता का विषय है। भूषण ने कहा कि प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की पिछली सर्वाधिक संख्या सितंबर में 94,372 थी, जो अब 1,61,736 हो गई है और इसके साथ ही मृतकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के संदर्भ में प्रतिदिन सामने आने वाले औसत मामलों की संख्या में हफ्ते-दर-हफ्ते उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है और अब यह 57,000 के पार पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि प्रति 10 लाख व्यक्तियों पर जांच बढ़ रही है लेकिन यह प्रतिदिन सामने आने वाले औसत मामलों के बराबर नहीं है। आरटी पीसीआर जांच की संख्या घट रही है इसलिए हम राज्यों से अनुरोध करते हैं कि वे इसकी तरफ ध्यान दें।
भूषण ने कहा कि आदर्श अनुपात 70 प्रतिशत आरटी पीसीआर और 30 प्रतिशत रेपिड एंटीजेन जांच का है, क्योंकि दोनों जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि रेपिड एंटीजेन जांच का महत्व प्रारंभिक जांच के तौर पर है और यह उन जगहों पर जरूरी है जहां घनी आबादी है या जहां हाल ही में ढेर सारे नए मामले सामने आए हैं। जिनकी आरएटी जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही उन्हें आरटी पीसीआर जांच कराना अनिवार्य होता है। (भाषा)