नई दिल्ली। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित 4 राज्यों ने केंद्र पर टीका निर्माताओं से मिले टीकों के स्टॉक पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए इस बात पर संदेह जताया कि वे 1 मई से 18-45 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत कर पाएंगे। उन्होंने केंद्र पर उनके साथ सौतेले' व्यवहार का आरोप लगाया और सभी व्यस्कों को मुफ्त में टीके की खुराकें मुहैया कराने का अनुरोध किया।
छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड (कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन द्वारा शासित राज्य) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने संयुक्त वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूछा कि जब केंद्र पहले ही स्टॉक पर कब्जा कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं तो वे सभी व्यस्कों को टीके कैसे लगाएंगे। उन्होंने कहा कि वे 1 मई से टीकाकरण अभियान के अगले चरण के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्माताओं ने उन्हें टीके की खुराकें उपलब्ध कराने में अक्षमता प्रकट की है।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि वे 15 मई तक टीके उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है, तो हम 18 से 45 साल के लोगों को टीके कैसे लगाएंगे। हमारे पास टीके लगाने की क्षमता है लेकिन टीके नहीं हैं। राज्यों को आपूर्ति की जानी चाहिए। भारत सरकार को उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार टीके प्रदान करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता टीकों की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
शर्मा ने कहा कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार टीकों का पूरा खर्च उठाए। हम अपने बजट में से इसका खर्च कैसे उठा सकते हैं? बजट में हमने इस बारे में कोई प्रावधान नहीं किया। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा, यदि टीके ही उपलब्ध नहीं हैं तो टीकाकरण कैसे किया जा सकता है? हम टीके कैसे मुहैया कराएंगे? हम हमें प्रदान किए गए टीकों के साथ टीकाकरण के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाण-पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाकर राजनीति की जा रही है। देव ने कहा कि देश को गुमराह किया जा रहा है। केंद्र ने इसका मजाक बनाकर रख दिया है।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। केंद्र सरकार को टीके और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करनी चाहिए। सिद्धू ने कहा कि यदि केंद्र हमें सहयोग नहीं देगा तो हम टीकाकरण अभियान कैसे शुरू कर सकते हैं? हमारे पास बहुत कम टीके बचे हैं। केंद्र को टीकों का आवंटन कर हमें प्रदान करने चाहिए। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधानमंत्री पर महामारी के दौरान भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि हमारे जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री हर बात का राजनीतिकरण कर रहे हैं और हमें कोरोना वायरस से लोगों के बचाने तथा राजनीतिक लड़ाई समेत दो-दो मोर्चों पर जंग लड़नी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने (निर्माताओं) की उत्पादन क्षमता पर कब्जा कर लिया है और 150 रुपए प्रति खुराक के हिसाब से खुराकें खरीदने का सौदा किया है। एक संविधान, एक कर की बात करने वाली सरकार टीकों के अलग-अलग दामों के जरिए महामारी के दौरान भी लाभ उठाने के प्रयास