नई दिल्ली। शिक्षा या रोजगार के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों और तोक्यो ओलिंपिक के लिए भारतीय दल के सदस्यों को कोविशील्ड (Covishield) टीके की दूसरी खुराक लगवाने के लिए निर्धारित 84 दिन के अंतराल में छूट दी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) के मुताबिक इन मामलों में भी, दूसरी खुराक पहली खुराक लगाए जाने के कम से कम 28 दिनों बाद ही लगाई जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि कोविन प्रणाली जल्द ही ऐसे अपवाद मामलों में दूसरी खुराक की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
उसने कहा कि उसे हाल में ऐसे कई लोगों की तरफ से कोविशील्ड की दूसरी खुराक लगवाने के लिए अनुरोध मिले थे जहां पहली खुराक ले चुके लाभार्थी को शिक्षा या रोजगार के लिये अंतरराष्ट्रीय यात्रा करनी थी या फिर वह तोक्यो ओलंपिक खेलों के लिये जाने वाले भारतीय दल का हिस्सा हैं और उनकी यात्रा की तारीख निर्धारित किये गए पहली खुराक से कम से कम 84 दिन के अंतर से पहले आ रही है। इस मामले पर अधिकारप्राप्त समूह 5 (ईजी-5) में चर्चा की गई और उचित अनुशंसाएं प्राप्त हुईं।
इस संदर्भ में उचित कारणों के चलते विदेश यात्रा करने वालों को पूर्व टीकाकरण सुरक्षा देने के उद्देश्य से मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है, जिसके मुताबिक राज्य हर जिले में एक सक्षम प्राधिकारी तैनात करेंगे, जो ऐसे मामलों में कोविशील्ड की दूसरी खुराक लगवाने के लिये अनुमति प्रदान करेगा।
सक्षम प्राधिकारी यह देखेगा कि यह पहली खुराक लगवाने के बाद 28 दिन की अवधि पूरी हो चुकी है और शिक्षा के उद्देश्य से दाखिले के प्रस्ताव या अन्य संबंधित दस्तावेजों के साथ उद्देश्य की वास्तविकता को भी परखेगा।
कोविशील्ड की दूसरी खुराक निर्धारित अवधि से पहले लगवाने की इजाजत देने से पहले वह यह भी देखेगा कि क्या लाभार्थी विदेशी शिक्षण संस्थान में पढ़ रहा है और उसे आगे की शिक्षा पूरी करने के लिए वापस लौटना है। नौकरी के लिये उसके पास प्रस्ताव है या वह नौकरी कर रहा है और या फिर तोक्यो ओलिंपिक खेलों में भाग लेना है।
जिन छात्रों को पढ़ाई के लिये विदेश यात्रा करनी है या जिन लोगों को विदेश में नौकरी करनी है अथवा तोक्यो ओलंपिक खेलों में जाने वाले भारतीय दल में शामिल धावक, खिलाड़ी और अन्य सहायक कर्मियों को विशेष सुविधा दी जाएगी।
मंत्रालय ने सुझाव दिया कि ऐसे मामलों में पासपोर्ट के जरिये टीकाकरण की सुविधा दी जाए जो मौजूदा दिशा-निर्देश के तहत एक मान्य पहचान-पत्र है जिससे टीकाकरण प्रमाणपत्र पर पासपोर्ट की संख्या छपी रहे।
मंत्रालय द्वारा जारी प्रक्रिया के मुताबिक अगर किसी ने टीकाकरण की पहली खुराक के दौरान पासपोर्ट की जगह कोई और फोटो पहचान-पत्र इस्तेमाल किया है तो उसका क्रमांक प्रमाण पत्र पर छपा होगा ऐसे में प्रमाणपत्र में पासपोर्ट नंबर का उल्लेख करने के लिये जोर न दिया जाए। इसमें कहा गया कि जहां जरूरत हो वहां सक्षम प्राधिकारी एक अन्य प्रमाणपत्र लाभार्थी के पासपोर्ट नंबर के साथ टीकाकरण प्रमाणपत्र को जोड़ते हुए जारी कर सकते हैं।
टीकाकरण प्रमाण-पत्र में टीके के प्रकार में 'कोविशील्ड' लिखना ही पर्याप्त है और किसी अन्य प्रविष्टि की उस पर जरूरत नहीं है। यह सुविधा उन लोगों के लिये उपलब्ध होगी जिन्हें विशिष्ट उद्देश्य से 31 अगस्त से पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रा करनी है। (भाषा)