मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब प्रशासन ने लोगों को लॉकडाउन में जरूरी सामान खरीदने के लिए ढील दी थी। लेकिन, इस दौरान लोगों की लापरवाही खुलकर सामने आ गई। खुलेआम लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं।
लॉकडाउन के द्वितीय चरण के बीच मंगलवार को 21 अप्रैल से आवश्यक वस्तुओं के क्रय विक्रय और जनसमस्याओं को देखते हुए कुछ रियायत दी गई थी, परंतु जिस तरह से पहले दिन अफरा-तफरी का माहौल रहा उसे देखकर लग रहा था कि किसी को भी इस वैश्विक महामारी का भय नहीं है।
जिला मुख्यालय में मंगलवार को छत्रसाल चौराहा, जिला अस्पताल से लेकर पन्ना नाका, चौक बाजार, बस स्टैंड हर जगह बेहद अव्यवस्थाओं का माहौल देखा गया। इस पूरे माहौल को देखते हुए इस छूट पर पाबंदी से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
सोनोग्राफी सेंटर हो या फिर ब्लड रिपोर्ट का इंतजार, हर जगह-जगह भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है। जूता-चप्पल, लोहा, कपड़ा, रेडीमेड, हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल्स, पेंट आदि से जुड़े व्यापारी अपनी-अपनी दुकानें संचालित करते नजर आए। हालांकि दोपहर पश्चात जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद कुछ जगह वैधानिक कार्रवाई भी की गई। दुकानदारों के चालान बनाए गए।
इतना सब होने के बाद भी लोगों में जागरूकता का बेहद अभाव देखा गया। SDM प्रियांसी भंवर और कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा यह ढील पब्लिक की सहूलियत के लिए दी गई थी, लेकिन यदि लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तो हमें सख्त कदम उठाने होंगे।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि शासन-प्रशासन का सहयोग करें और छूट का दुरुपयोग न करें। हम जितना सुरक्षित रहेंगे, उतनी जल्दी ही इस विकराल समस्या से उबर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सबको अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और सहभागिता करनी होगी तभी लोग, नगर, जिला, प्रदेश, देश सुरक्षित रहेगा।