नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के बढ़ते केस पर गंभीर चिंता जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तेजी से कोरोनावायरस (Coronavirus) फैल रहा है, अगर उससे ज्यादा तेजी से वैक्सीनेशन कर देते, तो हम कोरोना को काबू कर सकते थे। यह कितना विरोधाभास है कि वैक्सीन आने के बावजूद कोरोना तेजी से फैल रहा है। हमें कोरोना को हराने के लिए उससे ज्यादा गति से वैक्सीनेशन चाहिए। केंद्र सरकार को वैक्सीनेशन को लेकर सभी प्रतिबंध हटा देना चाहिए, क्योंकि दिल्ली में 65 फीसदी मरीज 45 साल से कम उम्र के आ रहे हैं। दिल्ली सरकार घर-घर जाकर 2 से 3 महीने के अंदर सभी को वैक्सीन लगाने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, बल्कि मिलकर दिल्लीवासियों की सेवा करने का है। हम लॉकडाउन लगाना नहीं चाहते हैं, लेकिन इसमें सभी का सहयोग चाहिए। उन्होंने अपील की कि अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी के लिए एप की मदद लें और बहुत जरूरी होने पर ही अस्पताल जाएं, नहीं तो होम आइसोलेशन का लाभ उठाएं।
दिल्ली में यह चौथी लहर बहुत खतरनाक है, पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 10732 केस आए हैं।मुख्यमंत्रीकेजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना के मौजूदा हालात को लेकर आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली में भी पिछले 10 से 15 दिन में बहुत तेजी से कोरोना बढ़ा है। दिल्ली में यह चौथी लहर है। इससे पहले दिल्ली में तीन लहर आ चुकी है।
अब यह चौथी लहर आई है, जो बहुत ही खतरनाक है और बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह इतना तेजी से बढ़ रहा है कि बहुत सारे लोगों की समझ से बाहर है। जैसे कुछ दिन पहले तक, मध्य मार्च तक 200 से भी कम केस प्रतिदिन आने चालू हो गए थे। पिछले 24 घंटे में कल दिल्ली में 10732 केस आए हैं। उसके पिछले 24 घंटे में 7900 केस आए थे और उससे पिछले 24 घंटे में 8521 केस आए है। पिछले 3 दिन के अंदर कोरोना के केस बहुत तेजी से बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन आप की सरकार पूरी तरह से स्थिति पर नजर रखे हुए है। मैं खुद इस पर नजर रखे हुए हूं। हमें जो भी करने की जरूरत है, हम वह सब कर रहे हैं और हम सभी का सहयोग ले रहे हैं। इस वक्त हम मोटे तौर पर तीन स्तर पर काम कर रहे हैं। पहला, किस तरह से कोरोना को फैलने से रोका जाए। इसमें खासतौर से सरकार अकेले बहुत कुछ नहीं कर पाएगी, इसमें दिल्लीवासियों को सहयोग देना पड़ेगा। आपने पहले भी बहुत सहयोग दिया है। जब भी दिल्ली में कोरोना की लहर आई, दिल्ली के लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया।
यह सहयोग किसी और के लिए नहीं, बल्कि हमें अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए बढ़-चढ़कर कोरोना के सभी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। अपनी सेहत अपने हाथ में हैं। हम तीन बातें बार-बार कहते हैं, मास्क पहनकर रखिए, सोशल डिस्टेंसिंग कीजिए और बार-बार हाथ धोते रहिए। हमें अब इसमें एक बात और जोड़ना होगा। हमें घर से बाहर तभी निकलना चाहिए, जब बहुत जरूरी हो। यह कुछ दिनों की बात है। मुझे पूरी उम्मीद है कि जैसे पिछली 3 लहर चली गई, उसी तरह यह चौथी लहर भी चली जाएगी।
हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने मजबूरी में कुछ प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।जैसे बसों में 50 फीसदी लोग बैठ सकेंगे, मेट्रो में भी 50 फीसदी सीटों पर लोग बैठ सकते हैं, बार और रेस्टोरेंट में भी 50 फीसदी सीटों पर लोग बैठ पाएंगे। यह सब प्रतिबंध आपकी सेहत की सुरक्षा के लिए ही लगाए गए हैं। आपसे अपील है कि उन सभी दिशा निर्देश का अच्छे से पालन करें। एक तरफ हम कोरोना के फैलाव को रोकने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ, जब इतनी तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं।
किसी को कोरोना होता है तो वह होम आइसोलेशन में जाता या फिर अस्पताल में जाता है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं और अस्पतालों में पूरा इंतजाम किया है कि जब किसी को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़े, तो दिल्ली के लोगों को अच्छा से अच्छा इलाज मिले। किसी को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी नहीं होनी चाहिए। इसका सारा इंतजाम हम लोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नवंबर के महीने में एक पिक देख चुके हैं। नवंबर के महीने में जो पिक आई थी, उसमें 8,500 मामलों की थी। आज हम 10700 केस भी को पार कर चुके हैं। यह पिक नवंबर से भी ज्यादा खतरनाक है। कल मैंने एलएलजेपी अस्पताल में जाकर मुआयना किया था। सभी डॉक्टर्स और नर्सेज से बात हुई और मैंने तैयारियों का जायजा लिया। मैं पूरे दिल्लीवासियों की तरफ से अपने डॉक्टर, नर्सेज, पैरामेडिक्स स्टाफ, सबको हाथ जोड़कर सलाम करना चाहता हूं और उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं कि वे लोग पिछले एक साल से लगे हुए हैं। अभी भी वे लोग पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए हैं। हम पूरी तरह से अस्पताल प्रबंधन पर ध्यान दे रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में कुछ लोगों के मेरे पास मैसेज आए कि उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है। हमने पहली लहर के दौरान जून के महीने में अस्पताल में बेड की उपलब्धता को लेकर एक एप जारी किया था। वह एप आज भी काम कर रहा है। अगर आपको कोरोना हो गया है और अस्पताल जाने की जरूरत है, तो किस अस्पताल में बेड उपलब्ध है, वह आप एप पर जाकर देख सकते हैं। मेरी अपील है कि सभी लोग मोबाइल में एप डाउनलोड कर लें। एप से आपको पता चल जाएगा कि किस अस्पताल में बेड उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी बात, कुछ लोग सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों की तरफ दौड़ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में बेड थोड़े कम होते हैं। पिछले 5 साल में आप की सरकार ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को बहुत शानदार कर दिया है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में बहुत अच्छा इलाज हो रहा है। पैसे वाले लोग भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में जा रहे हैं। मेरी सभी से अपील है कि आप लोग सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों की तरफ मत दौड़िए। सरकारी अस्पतालों में जाएंगे तो यहां भी अच्छा इलाज मिलेगा। आप सरकारी अस्पताल में भी जा सकते हैं। अगर एप दिखाता है कि सरकारी अस्पताल में बेड खाली है, तो आप सरकारी अस्पताल में जाइए, लेकिन अस्पताल में तभी जाइए, जब आपको जरूरत हो। अगर सभी लोग अस्पताल की तरफ भागने लगे, तो अस्पताल कम पड़ जाएंगे।
अस्पताल में बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर कम पड़ जाएंगे। अगर आपको अस्पताल की जरूरत है, तभी अस्पताल में जाइए। वरना होम आइसोलेशन में रहिए। अस्पताल के बेड केवल गंभीर मरीजों के लिए रहने दीजिए। अगर आपको साधारण लक्षण हैं और अगर आप अस्पताल चले गए, तो आपने एक बेड को घेर लिया, जबकि आप का इलाज घर पर ही इलाज हो सकता है और अगर कोई गंभीर मरीज आता है, तो उसको बेड नहीं मिलेगा, उसे इंतजार करना पड़ेगा और गंभीर मरीज की मौत हो सकती है, जबकि उसको बेड की जरूरत है।
मेरा अनुरोध कि हल्के लक्षण होने पर आप घर के अंदर होम आइसोलेशन कीजिए। हमारी टीम आपके पास आएगी और सारा गाइड लाइन बताएगी, आपको ऑक्सीमीटर देगी और बताएगी कि कैसे होम आइसोलेशन करना है। हम आपके संपर्क में रहेंगे। दिल्ली में दुनिया का सबसे बेहतर होम आइसोलेशन का प्रोग्राम चल रहा है, उसका आप फायदा उठाइए। इस समय अस्पताल प्रबंधन बहुत जरूरी है। दुनियाभर में हमने देखा है कि किस तरह से अस्पताल कम पड़ जाते हैं। यह बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है कि अगर अस्पताल कम पड़ गए, तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जाएगी।
अभी अस्पतालों की व्यवस्था हमारे नियंत्रण में है, लेकिन इसमें सभी लोगों का सहयोग चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूं। मुझे लगता है कि लॉकडाउन कोरोना से जूझने का समाधान नहीं है। लॉकडाउन किसी भी सरकार को तब लगाना चाहिए, जब उसके अस्पतालों की व्यवस्था ध्वस्त हो जाए। लॉकडाउन से कोरोना की गति धीमी हो जाती है। अभी अस्पतालों की व्यवस्था हमारे नियंत्रण में है, लेकिन इसमें हमें आपका सहयोग चाहिए। अगर आपका सहयोग मिलता रहा है और अस्पताल की व्यवस्था हमारे काबू में रही तो हमें दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर अस्पतालों में बेड की कमी होने लगे और अस्पतालों में बेड नहीं मिलने लगे, तो कहीं ऐसा न हो कि दिल्ली में लॉकडाउन लगाना पड़े।
हम दिल्ली में लॉकडाउन लगाना नहीं चाहते हैं, लेकिन इसमें आपका सहयोग चाहिए।केजरीवाल ने कहा कि आज एक बहुत अजीब विरोधाभास है। कोरोना की दवाई यानी वैक्सीन आ गई है और उसके बावजूद कोरोना इतनी तेजी से फैल रहा है। हमें कोरोना को हराने के लिए कोरोना से ज्यादा गति से वैक्सीनेशन करना करना चाहिए था। जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है, अगर हम उससे ज्यादा तेजी से वैक्सीनेशन कर देते, तो हम कोरोना को काबू कर सकते थे। हमारी वैक्सीनेशन की गति बहुत धीमी है। मैंने केंद्र सरकार से कई बार हाथ जोड़कर निवेदन किया है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है कि वैक्सीनेशन के ऊपर जितने भी प्रतिबंध लगा रखे हैं, वह सब प्रतिबंध हटा दीजिए। दिल्ली सरकार तैयार है, हम घर-घर जाकर कोरोना की वैक्सीन लगाने को तैयार हैं।
हमारे स्टाफ घर-घर जाकर दो-तीन महीने के अंदर सभी को वैक्सीन लगाने को तैयार हैं। अभी मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई, उसमें भी कई और मुख्यमंत्रियों ने कहा कि कि हम तीन महीने के अंदर अपने राज्य के सभी लोगों को वैक्सीन लगा देंगे, लेकिन केंद्र सरकार अपने प्रतिबंध को हटा दे कि सिर्फ 45 साल से ऊपर के उम्र वालों को वैक्सीन लगेगी। दिल्ली में 65 फीसदी मरीज 45 साल से कम उम्र के हैं, हम वैक्सीनेशन तेज कर दें, तो इसका समाधान हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के अंदर हमारा जो डेटा वह दिखाता है कि दिल्ली के अंदर जो मरीज आ रहे हैं, उनमें से 65 फीसद मरीज 45 साल से कम उम्र के हैं। अगर 65 फीसद मरीज 45 साल से कम उम्र के हैं, तो कोरोना रूकेगा कैसे और इसकी साइकल कैसे टूटेगी? कोरोना की साइकल तभी टूटेगी, जब वैक्सीनेशन होगा। मेरा केंद्र सरकार से निवेदन है कि केंद्र सरकार ने बहुत से प्रतिबंध लगा रखे हैं कि ज्यादा सेंटर नहीं खोल सकते, 45 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन नहीं दे सकते।
अभी तो हमें बड़े पैमाने पर युद्ध स्तर पर सारी मशीनरी को वैक्सीनेशन के ऊपर लगा देनी चाहिए। इससे बड़ा विरोधाभास क्या हो सकता है कि हमारी वैक्सीन आ गई और उसके बावजूद हम कोरोना से लड़ रहे हैं और कोरोना इतनी तेजी से फैल रहा है। अगर हम कोरोना का वैक्सीनेशन तेज कर दें, तो इसका एक समाधान हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी पूरे देश से रिपोर्ट आई है, जिसमें कि एक अस्पताल में 37 डॉक्टर, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी, उनको भी कोरोना हो गया। उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल से रिपोर्ट आई है और महाराष्ट्र के एक अस्पताल से रिपोर्ट आई है कि कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने दोनों डोज ले ली, उसके बावजूद भी उन्हें कोरोना हो रहा है। इसलिए लोग पूछ रहे हैं कि क्या वैक्सीन लगाने से फायदा है।
इस पर मैंने कई विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बात की। उन सबका यह कहना है कि वैक्सीन लगाने से आपको गंभीर बीमारी नहीं होती है, कोरोना दोबारा हो सकता है। वैक्सीन लगाने के बाद भी आप को मास्क पहनना चाहिए और बचाव करने चाहिए। आपको कोरोना हो सकता है, लेकिन वह कोरोना गंभीर नहीं होगा। आप की मौत नहीं होगी और आपको आईसीयू में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोरोना की गंभीरता कम हो जाएगी। इसीलिए वैक्सीनेशन की आवश्यकता है।
केंद्र सरकार जब भी प्रतिबंध को खोलेगी, तो यह बहुत अच्छी बात होगी, लेकिन जो लोग 45 साल से ऊपर की उम्र के हैं, वे सभी लोग अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए तुरंत कोरोना का वैक्सीन लगवा लें। हमने दिल्ली में टेस्ट बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों तक 80 से 85 हजार प्रतिदिन जांच हो रही थी और पिछले कुछ दिनों से 1.10 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। हमारा पूरा स्टाफ और अधिकारी रात-दिन काम करने में लगे हुए हैं और आपकी सेहत के लिए जो भी जरूरत पड़ेगी, हम सभी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मेरी सभी राजनीतिक दलों से निवेदन और अपील है कि आइए, हम सब मिलकर काम करते हैं। यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, यह वक्त एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है, यह वक्त एक-दूसरे के ऊपर छींटाकशी करने का नहीं है। हम बाद में राजनीति कर लेंगे। हम सब मिलकर अभी दिल्लीवासियों की सेवा करते हैं। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि पिछली बार आप सभी ने सहयोग किया था। हम केंद्र सरकार से पूरा सहयोग ले रहे हैं। मैं सभी डॉक्टर, डॉक्टर्स की एनजीओ, धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं और एनजीओ से अपील करता हूं कि यह चौथी लहर बेहद खतरनाक है। इंसानियत के लिए हम सब लोग फिर से एक साथ जुड़ें और चौथी लहर का सामना करें। जब मैं कुछ लोगों से कहता हूं कि मास्क क्यों नहीं पहना, तो वे कहते हैं कि एक साल हो गए हैं, अब थक गए हैं।
लेकिन आप यह सोचिए कि जो डॉक्टर और नर्स एक साल से अस्पताल के अंदर रात-दिन 24 घंटे आपका इलाज कर रहा है, वह नहीं थका है, वह तो आपसे ज्यादा थक गया है। अगर वह पिछले साल से अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर 24 घंटे काम कर सकता है, तो आप कम से कम मास्क तो पहन ही सकते हैं और यह थकने से तो आपकी ही जिंदगी खतरे में पड़ती है। मैं सभी से अपील करूंगा कि बड़ा कठिन दौर है। मैं समझता हूं कि यह कुछ दिन की बात है। जैसे पिछले तीन पिक दिल्ली वालों ने मिलकर ठीक किया था, इस बार भी सब मिलकर के चौथी लहर का मुकाबला करेंगे।