नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। तीसरी लहर को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह बच्चों को प्रभावित करेगी। बच्चों में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने का खतरा है लेकिन यह ज्यादा गंभीर नहीं होगा। यह बात इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कही।
अग्रवाल के संस्थान ने केंद्रीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) से जुड़े संगठनों के कर्मचारियों पर देशव्यापी सीरो सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं परिवार के बुजुर्ग सदस्यों में संक्रमण के लिए बच्चे बैकडोर पैसेज का भी काम करते हैं।
ब्रिटेन के बोल्टन में उम्र समूह में कोविड-19 की दर पर एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताते हुए अग्रवाल ने ट्वीट किया, यह सामान्य लेकिन नजरअंदाज किए गए तथ्य की पुष्टि करता है। बच्चे संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं। हम इससे एवं सीरो सर्वेक्षण से इस बात को जानते हैं।
आईजीआईबी, सीएसआईआर के तहत एक संस्थान है, जो कोरोना वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग का काम करने में शामिल है। बच्चों में कोविड-19 के प्रसार और महामारी की तीसरी लहर का उन पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है।
इससे पहले एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोविड-19 की आगामी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैलेगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे। उन्होंने कहा कि पहले एवं दूसरे चरण के आंकड़ों से पता चलता है कि बच्चे सामान्य तौर पर कोविड-19 से सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण हो भी रहा है तो यह मामूली है।(भाषा)