वॉशिंगटन। चीन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से संबंधित अपना डेटा अमेरिका के साथ साझा करेगा और देश को बीजिंग के अनुभव से सबक लेने में मदद करेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समकक्ष शी जिनपिंग के साथ शुक्रवार को हुई 1 घंटे की बातचीत के बाद आज शनिवार को यह बात कही।
ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस को 'चीनी वायरस' कहे जाने और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो द्वारा चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवनशैली को 'अत्यधिक खतरे' में डालने का आरोप लगाने के बाद से बीजिंग काफी गुस्से में था।
लेकिन कई दिनों तक चले इस वाकयुद्ध के बाद ट्रंप ने शुक्रवार को फोन पर शी से बात की। वैश्विक महामारी के अगले केंद्र के तौर पर अमेरिका के उभरने के साथ ही शी ने ट्रंप को कोरोना वायरस से लड़ने में चीन की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि संक्रामक रोग कोई कोई सीमा या नस्ल नहीं जानते।
ट्रंप ने शुक्रवार को बताया कि हमने इस बारे में (कोरोना वायरस पर) बात की, क्योंकि उनके यहां यह बहुत पहले आया इसलिए उनके पास अतिरिक्त अनुभव है और उन्होंने कुछ अद्भुत नियम विकसित किए हैं और वह सारी सूचना यहां आ रही है। इसमें से बहुत-सी जानकारी पहले ही आ चुकी है। हम इसे डेटा कहते हैं और हम चीन के अनुभव से बहुत कुछ सीखने वाले हैं।
ट्रंप ने कहा कि उनकी शी के साथ लगभग 1 घंटे बातचीत हुई, जो मुख्यत: तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी पर केंद्रित थी। फोन पर हुई बातचीत को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने जीवन और आजीविका बचाने में सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को हराने और वैश्विक स्वास्थ्य एवं समृद्धि को बहाल करने की दिशा में साथ काम करने पर सहमति जताई।