जम्मू। जम्मू संभाग के 2 जिलों में प्राइमरी स्कूलों को 31 मार्च तक के लिए तत्काल बंद रखने के निर्देश धारा 144 के तहत जारी किए गए हैं क्योंकि जम्मू में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। ईरान और दक्षिण कोरिया से आए 2 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है। पीड़ितों में एक महिला है। ये दोनों मरीज बुधवार को ईरान और दक्षिण कोरिया से जम्मू में आए थे।
सरवाल की रहने वाली पीड़ित महिला ईरान से आई है, जबकि सतवरी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति व्यापार के सिलसिले में दक्षिण कोरिया गया हुआ था। दोनों को जांच के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। उनके सैंपल लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरालोजी पुणे में भेजे गए थे। प्राथमिक रिपोर्ट में दोनों में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आए हैं।
हालांकि अभी अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए जम्मू कश्मीर के नोडल अधिकारी डॉ. शफकत ने बताया कि अभी तक की रिपोर्ट में दोनों में कोरोना वायरस की आशंका है। वहीं योजना, विकास विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती दोनों मरीजों में कोरोना वायरस की उच्च आशंका है।
वहीं 2 मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में प्राइमरी तक के स्कूलों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया। वहीं बायोमीट्रिक हाजिरी पर भी रोक लगा दी गई है। यहीं नहीं दोनों पीड़ित मरीजों के परिजनों और उनके साथ आए अन्य लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। यह दोनों ही पीड़ित अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटों बाद लापता हो गए थे और बाद में पुलिस ने उन्हें तलाश कर फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया था।
कश्मीर में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में 5 संदिग्ध भर्ती हैं। इनमें से 3 के सैंपल नेगेटिव आए हैं, जबकि 2 की रिपोर्ट आना अभी शेष है। नोडल अधिकारी डॉ. शफकत का कहना है कि कश्मीर में अभी तक किसी में पुष्टि नहीं हुई है।
कश्मीर में कोरोना वायरस के संभावित मामलों से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। प्रशिक्षित कर्मचारी लामबंद हो गए हैं और सीओवीआईडी-19 के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है।
कोरोना वायरस कंट्रोल के नोडल अधिकारी डॉ. शफकत खान ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी तक 7 हजार मामलों की जांच की गई है। इनमें से 300 मामलों पर नजर रखी जा रही है और 27 मामलों को जांच के लिए दिल्ली भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन समय की बचत को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर में एक प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है, ताकि जांच के लिए नमूनों को बाहर भेजने की आवश्यकता न पड़े और केंद्र शासित प्रदेश में ही परीक्षण किए जा सकें। इतना जरूर था कि कोरोना वायरस के मचे हुए हड़कंप के बीच बाजार से मास्क गायब हो चुके थे और दवा विक्रेता उन्हें औने-पौने दामों पर बेच रहे थे।