कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को प्रभावित कर दिया है। लेकिन एक चिंता में डालने वाली खबर यह है कि कोरोना से पीड़ित लोगों में लंबे समय तक फेफड़े और दिल से जुड़ी परेशानियां सामने आ रही है। हाल ही में हुई रिसर्च में सामने आ रहा है कि कोरोना दिल को बडा दर्द दे रहा है।
हालांकि अच्छी बात यह है कि इन समस्याओं से धीरे-धीरे खुद अपना शरीर का सिस्टम ही लड़ता रहता है और परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।
यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसायटी इंटरनेशनल कांग्रेस के मुताबिक इस बारे में शोध के नए परिणाम सामने आए हैं, जिसमें ये कहा गया है कि कोरोना की वजह से शरीर को मिली स्थाई बीमारियों में धीरे धीरे परेशानियां कम हो रही हैं। इसके पीछे की वजह है इंसानी शरीर का इम्यून सिस्टम, जो फेफड़े-दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करता है।
शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रिया के टायरोलीन रीजन में कोरोना हॉट स्पाट से जुड़े लोगों पर ये रिसर्च की है। इन लोगों के कोरोना निगेटिव होने के बाद उन्हें इंसबर्ग के यूनिवर्सिटी क्लीनिक के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट और जान्म के विंजेंज हॉस्पिटल में रखा गया था। इसमें से कुछ लोगों को मुंतसर के कार्डियो-पल्मोनरी सेंटर भी रखा गया।
शोधकर्ताओं ने 29 अप्रैल से 9 जून के बीच 86 मरीजों पर नजर रखी, जिनकी संख्या 150 तक पहुंच गई। ये लोग 6 सप्ताह, 12 सप्ताह और 24 सप्ताह तक के लिए अस्पताल में रखे जा रहे हैं और दवाईयां भी दी जा रही है।
ये लोग जब पहली बार रिसर्च सेंटर पहुंचे, तो इनमें से कम से कम आधे लोगों में कफ, सांस लेने की समस्या जैसे लक्षण थे। इसमें से 88 फीसदी लोगों के फेफड़े प्रभावित हो चुके थे। हालांकि जब 12 सप्ताह बाद दोबारा इनकी जांच हुई, तो इन लोगों के फेफड़े का नुकसान घटकर 56 फीसदी रह गया था।
क्लीनिकल ट्रायल टीम की सदस्य डॉ सबीना सहानिक ने कहा कि ये बुरी खबर है कि कोरोना से लोगों के फेफड़े और दिल प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन अच्छी खबर ये है कि धीरे-धीरे आपका शरीर खुद ही इन समस्याओं को दूर करता है। ऐसे में माना जा सकता है कि हमारे शरीर का आंतरिक सिस्टम हम चुनौती से निपटने को तैयार है। हालांकि अभी शोध के 24 सप्ताह बाद सामने आने वाले आंकडों का इंतजार करना पड़ेगा।