देश में लगातार कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के कम मामले ही सामने आ रहे हैं, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम हो गई। रिकवरी रेट भी बढ़कर अब 97 फीसदी से अधिक हो गया है, इसे मार्च 2020 के बाद सबसे अच्छा बताया जा रहा है। वहीं 90 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक भी मिल चुकी है। ऐसे में सवाल है कि क्या अब भी मास्क पहनना आवश्यक है, अगर हां तो इस मास्क से कब छुटकारा मिलेगा...
देश में आज कोरोना के 1 दिन में 20,799 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,38,34,702 हो गई। लगातार 10 दिनों से संक्रमण के रोजाना 30 हजार से कम मामले ही सामने आ रहे हैं, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 2,64,458 हो गई, जो 200 दिन में सबसे कम है। वहीं मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.89 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
देश में 90 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक भी मिल चुकी, जिससे देश की लगभग 70 फीसदी आबादी को कोरोना के गंभीर संक्रमण के खतरे से सुरक्षित माना जा रहा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि कोरोना संक्रमण से हालात में काफी सुधार आया है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या अब भी मास्क पहनकर रखना आवश्यक है? अगर हां तो इस मास्क से कब छुटकारा मिलेगा?
इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि देश में फिलहाल कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम लापरवाह हो जाएं। देश में अब त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में लोगों को विशेष सावधान हो जाने की आवश्यकता है।
कोरोना की संभवत: तीसरी लहर को लेकर भी डॉ. वीके पॉल और डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि तीसरी लहर के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि अगर लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन जारी रखते हैं तो निश्चित है, तीसरी लहर के खतरे को कम जरूर किया जा सकता है।
आखिर मास्क कब तक लगाकर रखने की जरूरत होगी, इस बारे में हाल ही में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने भी बताया था कि कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को मास्क पहनना जरूरी है।