नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण में तेजी और लागत बढ़ने के चलते भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने में थोड़ी सुस्त हुईं। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह कहा गया।
भारत सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक फरवरी के 55.3 से घटकर मार्च में 54.6 पर पहुंच गया। इस तरह हालांकि पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियां कुछ सुस्त हुई हैं, लेकिन यह पिछले लगातार छह महीने से वृद्धि को दर्शाता है।
कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए शुरू हुए टीकाकरण अभियान से कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। इसके चलते मार्च में सूचकांक लगातार छठे महीने 50 से ऊपर रहा। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि यानी विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक बताता है कि उत्पादन में गिरावट आयी है।
आईएचएस मार्किट की सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलिएना डी लीमा ने कहा, 'चुनावों के चलते मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कोविड-19 महामारी और आवाजाही में रोकथाम से चुनौतियां बढ़ी हैं। लीमा ने चेतावनी दी कि महामारी का प्रकोप बढ़ने और रोकथाम बढ़ने से अप्रैल में उल्लेखनीय सुस्ती आ सकती है।'
उल्लेखनीय है कि मार्च में देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ा है। मार्च की 1 तारीख को मौत का आंकड़ा 91 था, जबकि 31 मार्च आते-आते यह ग्राफ चढ़कर 459 तक पहुंच गया। पूरे महीने मौत के आंकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई, कुछेक दिन ही ऐसे रहे जब मौत का आंकड़ा पिछले दिन से कम रहा।
27 मार्च को 312 लोगों की मौत हुई थी, जबकि अगले दो दिन यह आंकड़ा 291 और 271 रहा। अगले ही यानी 30 मार्च को मौत का आंकड़ा बढ़कर 354 हो गया। संक्रमितों की बात करें तो 31 मार्च को यह आंकड़ा 72 हजार 330 रहा।