मथुरा से हैरान और परेशान करने वाला एक वीडियो सामनेवाले आया है। इस वीडियो में कोविड के फर्जी सैंपल लेते हुए एक शख्स दिखाई दे रहा है। यह सैंपल अलग-अलग व्यक्ति के नही बल्कि एक ही शख्स के 12 बार लिए गये है। पता चला है कि सैंपल देने वाला कोई बाहरी व्यक्ति नही है, अपितु सामुदायिक केंद्र का डॉक्टर है। जो कोविड सैंपल का टारगेट पूरा करने के लिय एक ही अपने ही 1 दर्जन से अधिक फर्जी सैंपल करके जांच के लिए भेज रहा है। यह सैंपल अलग-अलग नामों से जांच के लिए भेजे जाते हैं।
कोरोना जांच का यह वीडियो स्वास्थ्य महकमे की पोल खोलने और सरकारी मशीनरी के हाल बताने के लिए काफी है। इस वीडियो के सामने आने से लोगों में दहशत है का वातावरण पैदा हो गया है, क्योंकि वह यह नही समझ पा रहे हे कि उनके पास में रहने वाला कोरोना पॉजिटिव है या नही।
कहीं नेगेटिव की रिपोर्ट गलत बन गई हो। सरकार की लाख कोशिशों को यह वीडियो पलीता लगता नजर आ रहा है, क्योंकि ऐसी ही जांच हो रही है तो कोरोना मीटर बढ़ना जायज ही है।
मथुरा के बलदेव में स्थित स्वर्गीय डोरीलाल अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इस स्वास्थ्य केंद्र में जिस डॉक्टर के कंधों पर कोरोना जांच का जिम्मा था, वही डॉक्टर फर्जी तरीके से कोरोना सैम्पलिंग में लगे हुए है। इन डॉक्टर साहब का नाम है डॉ. राजकुमार सारस्वत।
वीडियो में अपने ही सैंपल की जांच वह इसलिए करा रहे है ताकि उनको मिला कोरोना संक्रमण जांच का टारगेट पूरा हो जायें। इन महोदय ने 1-2 फर्जी सैंपलिंग नही करायी है बल्कि 12 सैंपल जांच के लिए भेंजे है, इनको जांच के लिए मरीज नही मिल रहे है, इसलिए इन्होंने खुद को मरीजों की श्रेणी में रखकर जांच करवा डाली। राजकुमार को साथियों ने समझने समझाने का प्रयास भी किया, बताया नौकरी भी जा सकती है, लेकिन डॉक्टर महाशय ने किसी की न सुनी। अब उनका ये फर्जी सैंपलिंग का वीडियो उनके कारनामें की पोल खोल रहा है।
वायरल वीडियो सामने आने के बाद कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में हड़कंप मचा हुख है। CHC के ही एक डॉक्टर ने बताया कि कोविड जांच के नाम पर यह सैंपल सीएमओ कार्यालय में अलग-अलग फर्जी नामों से भेज दिए जाते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव के चिकित्सक अमित ने कोविड जांच फर्जी होने की सूचना मथुरा के सीएमओ से की थी।
शिकायतकर्ता डॉक्टर भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव पर कोरोना सैम्पलिंग में लगे हुए थे। साथ ही शिकायत करने वाले डॉक्टर ने पोल खोली है कि सीएचसी प्रभारी संविदा पर लगे हुए चिकित्सकों पर दबाव बनाकर फर्जी सैम्पलिंग का कार्य करा रहे है। यह पूरा खेल मात्र कोविड जांच के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जो डॉक्टर अपना टारगेट पूरा नही कर पायेगा उसकी सेवा समाप्त करने की धमकी सीएचसी प्रभारी द्वारा दी जा रही है।
सामुदायिक केंद्र बलदेव के डॉ. अमित ने बताया कि डॉक्टरों के फर्जी साइन करके मरीजों को होम आइसोलेट भी किया जा रहा है। जिन लोगों को कोरोना नही है,लेकिन फर्जी रिपोर्ट बनायी गयी है, उनको कोविड वार्ड में भर्ती करा जा रहा है, जो उनके जीवन से खिलवाड़ साबित हो सकता है।
डॉ.अमित ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत मथुरा सीएमओ कार्यालय में की है। सीएमओ ने इस पर जांच बैठा दी है। उनका मानना है कि यदि ऐसा हो रहा है तो ये बड़ी लापरवाही है। जांच करवाई जा रही है कि की ऐसा करने वाले कौन है और उनका मकसद क्या है, जांच में फर्जीवाड़ा सही साबित होगा तो दोषी पर कठोर कार्रवाई होगी।
देश को कोविड संक्रमण से मुक्त करने की मुहिम लगातार जारी है। सरकार रात-दिन एक करके वैक्सीन तैयार करवाने में जुटी है, लेकिन भगवान का दर्जा दिये जाने वाले डॉक्टर का यह कारनामा सोचने पर मजबूर करता है कि डॉक्टर अब भगवान नही रह गये है।