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अब तक 84 में से 13 पॉजिटिव, क्‍या इंदौर में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार

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, शुक्रवार, 27 मार्च 2020 (14:58 IST)
मध्‍यप्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं, गुरुवार की रात को ही शहर में कोरोना के 5 नए मामले सामने आए। अब तक इंदौर में 13 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। चौंकाने वाली बात है कि गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में कम उम्र के लोगों में कोरोना पाया गया है। इन दो लड़कियों की उम्र 14 और 18 साल की बताई जा रही है।

वहीं मध्यप्रदेश इंदौर समेत जबलपुर, भोपाल और उज्जैन में भी  कोरोना पहुंच चुका है। जबकि प्रदेश में अब तक 2 मौतें हो चुकी हैं। जिसमें उज्जैन की एक 65 साल महिला और इंदौर के 65 साल के बुजुर्ग शामिल हैं।

खबरें आ रहीं हैं कि इंदौर में कोरोना का संक्रमण 300 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। इस बारे में सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिया का कहना है कि ऐसा नहीं है, लगातार जांच की जा रही है, अब हम अपने हिसाब से इसका प्रतिशत कुछ भी समझ सकते हैं।

उन्‍होंने बताया कि इंदौर से अब तक कोरोना की जांच के लिए 84 रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई थी, इनमें से 13 लोगों की जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जबकि एक इंदौर से और एक उज्‍जैन के मरीज की मौत हुई है।

प्रभावित इलाके कैंटोनमेंट घोषित
इंदौर प्रशासन ने शहर के उन इलाकों को कैंटोनमेंट (निषेध) एरिया घोषित कर दिया है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। कैंटोनमेंट (निषेध) एरिया मरीजों के घर से चारों तरफ 3 किमी तक का क्षेत्र होगा। इस परिधि में आने वाले किसी भी व्यक्ति को बाहर आने-जाने नहीं दिया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक इंदौर के जिन इलाकों को कैंटोनमेंट एरिया घोषित किया गया है, उनमें 8 हजार से ज्यादा लोग होम क्वारेंटाइन हो गए हैं।

कहीं कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन तो नहीं  
इसके साथ ही मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्‍ट्री नहीं मिलने से इंदौर की चिंता बढ गई है। सीएचएल में भर्ती रानीपुरा निवासी 41 वर्षीय पुरुष मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वहीं बॉम्बे अस्‍पातल में भर्ती लिम्बोदी निवासी 53 वर्षीय पुरुष मरीज की भी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। इन दोनों की किसी कोरोना संक्रमित मरीज से संपर्क में आने की भी जानकारी नहीं है। इसके साथ ही एमवायएच में भर्ती 14 वर्षीय और 18 वर्षीय लड़कियों की भी विदेश जाने या किसी संक्रमित मरीज के संपर्क में आने की कोई हिस्ट्री नहीं मिली है। ऐसे में मध्‍यप्रदेश या खासतौर से इंदौर में यह चिंता है कि कहीं ये कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन की स्‍थिति तो नहीं है।

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