जिनेवा। वैज्ञानिकों ने एक नई जांच विकसित की है जो कोरोना वायरस का अधिक तेजी और सटीकता से पता लगा सकती है। इससे पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (पीसीआर) आधारित जांच पर दबाव से राहत मिल सकती है जिसका इस्तेमाल अभी किया जा रहा है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने में अभी पीसीआर आधारित जांच का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इस संवेदनशील जांच में मरीज के मुंह के लार के नमूने की जांच की जाती है ताकि विषाणु की छोटी-से छोटी मात्रा का भी पता लगाया जा सके।
अब स्विट्जरलैंड में ईटीएच ज्यूरिख के इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयनमेंटल इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने प्लाज्मोनिक फोटोथर्मल सेंसिंग पर आधारित अधिक सटीक जांच विकसित की है। इस पद्धति से सतह पर अणुओं के बीच संपर्क का पता लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए जांच का दायरा बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यह शोध पत्रिका एसीएस नैनो में प्रकाशित हुआ है। (भाषा)