‘अपने देश के लोगों को बचाने के लिए हम लोगों ने वह सब किया जो मुमकिन हो सकता था, लेकिन अब सिर्फ ईश्वर ही हमें बचा सकता है, हमारे पास अब कोई चारा नहीं है, अब यहां भी हमारे लोग थाली बजाकर हमारे डॉक्टर्स की हौसला-अफजाई कर रहे हैं’
यह बात इसी शनिवार को इटली के प्रधानमंत्री गुउसेपे कोंटे ने कही। उनकी इस स्पीच को रोती हुई तस्वीर के साथ वायरल कर कहा जा रहा है कि वे अपने देश में हुई त्रासदी के आगे हार मानकर रोने लगे। लेकिन सच्चाई कुछ और है।
दरअसल जिस तस्वीर में इटली के प्रधानमंत्री को रोते हुए बताया गया है, वो इटली के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति नहीं बल्कि ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो की (Brazil President Jair Bolsonaro) हैं। सच्चाई यह है कि इटली के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कैमरे के सामने नहीं रोएं हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से चीन के बाद इटली ही वो देश है जहां सबसे ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
फिर भी यह हाल क्यों
डब्लूएचओ की ओवरऑल मेडिकल फैसिलिटी में इटली 2 नंबर पर आता है, लोंबार्डी के हेल्थ केयर सिस्टम को विश्व-स्तर का माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन लोंबार्डी की स्वास्थ्य व्यवस्था और बेहतरीन मेडिकल उपकरण की कई बार तारीफ़ कर चुका है। लेकिन कोरोना ने यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
इटली में कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। 22 मार्च को इटली में 795 लोगों की मौत हो गई। इटली में अब तक कुल 4827 लोग वायरस की वजह से मारे जा चुके हैं। जबकि कुल संक्रमण के 53579 मामले सामने आए है। उधर स्पेन में भी कमोबेश मौतों का यही हाल है। 22 मार्च को पिछले 24 घंटों में यहां 324 लोगों की मौत हो चुकी है।
क्या भारत है तैयार
इधर भारत में भी कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डब्लूएचओ के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भारत की रैंकिंग 112 नंबर है। जबकि इटली 2 नंबर पर। ऐसे में भारत की क्या स्थिति होगी, इस बारे में सोचना बेहद भयावह है।