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देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1.47 लाख पहुंची, ओडिशा, असम, बिहार में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले

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, बुधवार, 27 मई 2020 (00:11 IST)
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या मंगलवार को 1.47 लाख पहुंच गई। बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों के अपने-अपने राज्य लौटने से बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में कोविड-19 मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।

कोरोना वर्ल्ड मीटर के मुताबिक भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या 1,50,762 हो चुकी है, जबकि विश्व में  56,43,983 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 
 
स्थिति यह है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आने वाले दिनों के और चुनौतीभरा होने की चेतावनी देते हुए इस महामारी को नियंत्रित करने और इसके उन्मूलन के लिए नई रणनीति बनाने की मांग की है।
 
पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सहित अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से भी नए मामले आए हैं।
 
कुछ विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रवासी श्रमिक लौटकर जिन क्षेत्रों में जा रहे हैं, वहां सघन निगरानी की जाए। 
 
हालांकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त होने वाले लोगों की दर बढ़ रही है और यह कई देशों के मुकाबले बेहतर है।
 
संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में लोगों के संक्रमण मुक्त होने की दर बेहतर हो रही है और वर्तमान में यह 41.61 प्रतिशत है। कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा 15 अप्रैल के 3.3 प्रतिशत से कम होकर फिलहाल 2.87 प्रतिशत हो गया है जो दुनिया में सबसे कम है।
 
मंत्रालय ने सुबह के बुलेटिन में कहा कि देश में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 4,167 लोगों की मौत हुई है जबकि अभी तक 1,45,380 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।

सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक देश में कोविड-19 के 6,535 नए मामले आए हैं और संक्रमण से 146 लोग की मौत हुई है। फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए 80,000 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 60,000 से ज्यादा लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं।

मंगलवार रात साढ़े नौ बजे तक विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से भाषा को मिली सूचना के अनुसार देश में अभी तक कुल 1,47,505 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि संक्रमण से 4,268 लोग की मौत हुई है। इलाज के बाद 63,500 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए हैं। 
 
पिछले तीन सप्ताह में जिन पांच राज्यों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें निषिद्ध क्षेत्रों के ट्रेंड का विश्लेषण करने और सूक्ष्म योजनाओं को उचित तरीके से लागू करते हुए स्थिति में सुधार करने को कहा है। ये पांच राज्य हैं- उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश।
 
कई राज्य अपने यहां बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अन्य राज्यों से लौट रहे लोगों को जिम्मेदार बता रहे हैं।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1 मई से विशेष ट्रेनें चल रही हैं। साथ ही उसी दिन से विशेष विमानों से लोगों को विदेश से वापस लाया जा रहा है।  इतना ही नहीं, सोमवार से चरणबद्ध तरीके से घरेलू विमान सेवा भी बहाल हो गई है।
 
79 नए मामलों के साथ कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या राज्य में 1,517 पहुंचने के बाद ओडिशा में कोविड-19 स्थिति को लेकर हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए नई रणनीति की जरूरत होगी। 
 
उन्होंने कहा कि विमान और ट्रेन सेवाएं बहाल होने के मद्देनजर अगले 15 से 30 दिन बेहद चुनौती भरे होने वाले हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम इस सब से पेशेवर तरीक से निपट लेंगे। पिछले 24 दिन में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 3 लाख से ज्यादा लोग ओडिशा लौटे हैं।
 
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, भारतीय रेल ने 1 मई से लेकर अभी तक 3,276 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें से 44 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य पर पहुंचाया है।
 
इनमें से सबसे ज्यादा ट्रेनें गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली से चली हैं और सबसे ज्यादा ट्रेनें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंढ, ओडिशा और मध्यप्रदेश पहुंची हैं।
 
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को बताया कि आप सरकार ने 7 मई से अभी तक 196 विशेष ट्रेनों से करीब 2.41 लाख लोगों को उनके घर भेजा है। इनमें से करीब सवा लाख लोग बिहार गए हैं, जबकि 96,610 उत्तरप्रदेश, 3,000 झारखंड, 2,500 पश्चिम बंगाल और 2,100 लोग मध्यप्रदेश गए हैं।
 
कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि प्रवासी श्रमिकों के अपने घर लौटने से श्रम शक्ति की कमी उत्पन्न होगी तथा इससे अर्थव्यवस्था और प्रभावित होगी। ऐसे में महामारी और लॉकडाउन के कारण पहले ही पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था अब रेंगने लगेगी।
 
साख निर्धारण कंपनी क्रिसिल ने आज कहा कि भारत अब तक की सबसे खराब मंदी की स्थिति का सामना कर रहा है। उसने कहा कि आजादी के बाद यह चौथी और उदारीकरण के बाद पहली मंदी है तथा यह संभवत: सबसे भीषण है।
 
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी तथा उसकी रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है।
 
क्रिसिल ने भारत के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के आकलन के बारे में कहा कि पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 25 प्रतिशत की बड़ी गिरावट की आंशका है। 
 
उसने कहा कि वास्तविक आधार पर करीब 10 प्रतिशत जीडीपी स्थाई तौर पर खत्म हो सकती है। ऐसे में हमने महामारी से पहले जो वृद्धि दर देखी है, अगले तीन वित्त वर्ष तक उसे देखना या हासिल करना मुश्किल होगा। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन का लक्ष्य पूरा नहीं होने का दावा करते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि ‘विफल लॉकडाउन’ के बाद अब कोरोना वायरस संकट से निपटने और जरूरतमंदों को मदद देने के लिए उनकी रणनीति क्या है?
 
गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि मोदीजी ने 21 दिन में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीतने की बात कही थी। लगभग 60 दिन हो चुके हैं। हिंदुस्तान पहला देश है, जो बीमारी के बढ़ने के बावजूद लॉकडाउन हटा रहा है। दुनिया के बाकी देशों ने लॉकडाउन तब हटाया जब बीमारी कम होना शुरू हुई। 
 
उन्होंने दावा किया कि ऐसे में ये स्पष्ट है कि हमारे यहां लॉकडाउन विफल हो गया है। जो लक्ष्य मोदीजी का था, वो पूरा नहीं हुआ। भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लॉकडाउन विफल रहने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दुगुनी होने की दर तीन दिन से बेहतर होकर अब 13 दिन हो गई है जो भारत की सफलता है।
 
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार के लॉकडाउन लागू करने के निर्णय के कारण यह सुनिश्चित हुआ है कि भारत को अमेरिका, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों की तुलना में कम प्रभावित होना पड़ा।
 
भारत अब कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित 10 देशों में शामिल है और विशेषज्ञों का कहना है कि जांच क्षमता में वृद्धि के साथ ही यात्रा प्रतिबंधों में ढील तथा प्रवासियों की यात्रा जैसी चीजें अधिक मामले सामने आने के कारणों में शामिल हैं।
 
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया के अनुसार मामलों में वर्तमान बढ़ोतरी अधिकतर ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्रों से सामने आ रही है, लेकिन आगामी दिनों में अधिक लोगों के यात्रा करने से कोविड-19 के मामलों में और वृद्धि की संभावना है।
 
गुलेरिया ने कहा कि जो लोग लक्षणमुक्त हैं या जो लक्षण-पूर्व की स्थिति में हैं, वे स्क्रीनिंग तंत्र से गुजरकर उन जगहों पर पहुंच सकते हैं जहां कम मामले हैं।
 
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यकता इस बात की है कि उन इलाकों पर करीब से नजर रखी जाए जहां प्रवासी लौटे हैं। गुलेरिया ने यह भी कहा कि क्योंकि अब जांच क्षमता में वृद्धि हो गई है, इसलिए भी अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
 
प्रवासियों के अपने गांव लौटने और रेल तथा हवाई यात्रा की आंशिक शुरुआत पर टिप्पणी करते हुए इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत एस पांडव ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार के लिए दरवाजे खुल गए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लिए जंगल में आग की तरह फैलने का माहौल उत्पन्न करने का यह एक स्पष्ट उदाहरण है। आगामी कुछ दिनों में, मामलों में नाटकीय वृद्धि होगी। हालांकि यह सच है कि हमेशा के लिए लॉकडाउन नहीं रह सकता, लेकिन शुरुआत बहुत ही सधे हुए तरीके से होनी चाहिए थी। 
 
दिल्ली में कोविड-19 से अभी तक 288 लोगों की मौत हुई है जबकि 412 नए मरीज सामने आने के साथ ही शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 14,465 पहुंच गई है।
 
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस के 193 नये मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही मंगलवार को राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या चार हजार को पार कर गई। पिछले 24 घंटे में वायरस के संक्रमण के कारण कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढकर 211 हो गई है।
 
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के 47 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ कुल मामले 595 पर पहुंच गए हैं।
 
केरल में मंगलवार को कोविड-19 के 67 नए मामले सामने आए। अकेले पलक्क्ड़ जिले में ही 29 मामले सामने आए और राज्य में 1 लाख से अधिक लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। 
 
तमिलनाडु में आज कोरोना वायरस संक्रमण से नौ लोगों की मौत हो गई जबकि प्रदेश में संक्रमण के 646 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 127 हो गई है जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 17 हजार 728 पर पहुंच गई है। 
 
महाराष्ट्र में आज कोविड-19 के 2091 नए मामले सामने आने के साथ प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 54,758 हो गई है। राज्य में कोरोना वायरस से 97 और लोगों की मौत के साथ महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 1,792 तक पहुंची।

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 361 नए मामले सामने आए हैं जिससे कुल मामले बढ़कर 14,829 हो गए वहीं 27 और मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 915 हो गई है। (भाषा)

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