नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया ने कोरोनो वायरस के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों को सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के संपर्क में न आने की सलाह दी है।
कोरोना वायरस फैलने के बीच लोगों में इस बात को लेकर शंका है कि कहीं चीन से आने वाले सामान से तो कोरोना वायरस फैलने का भय नहीं है।
यह पूछने पर कि चीन से मेडिकल उपकरण और अन्य सामग्री भी काफी भारत में आती है क्या उससे कोरोना वायरस फैलने की आशंका नहीं, उन्होंने कहा कि जो सामग्री और उपकरण आते हैं उन्हें संक्रमण मुक्त किया जाता है।
इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। फिर भी हमें निगरानी रखने और सतर्क रहने की जरूरत है। डॉ. गुलेरिया ने पत्रकारों से कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है।
इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं है। उन्होंने बताया कि इस रोग के इलाज के लिए दुनिया में शोध चल रहे है।
दो ड्रग पर भी शोध कार्य हो रहा है। इसलिए जब तक कोई इलाज नहीं निकलता तब तक निगरानी और सतर्कता सबसे अधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर आपका बच्चा सर्दी-जुकाम या बुखार से पीड़ित है तो उसे स्कूल न भेजें, क्योंकि कोरोना वायरस संपर्क से ही फैलता है। इसलिए इससे बचने की जरूरत है। (वार्ता)