हांगकांग। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते 1 महीने के लिए ब्रिटेन को छोड़कर बाकी यूरोप से लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाने के बाद दुनियाभर के शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए। इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी गिरावट हई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ गई।
दुनियाभर में इस बीमारी के काबू में आने के संकेत नहीं मिल रहे हैं और इस बीच ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय देशों पर लगाया गया प्रतिबंध 30 दिनों के लिए होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है और कहा है कि इसके कहा कि इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।
ऐसे में पहले ही गिरावट का सामना कर रहे एशियाई शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए। टोकियो में 5 फीसदी से ज्यादा, हांगकांग में 3.8 प्रतिशत और सिडनी में लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बैंकॉक शेयर बाजार लगभग 8 प्रतिशत नीचे चला गया।
सिओल, वेलिंगटन, मुंबई और ताइपे में लगभग 4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि सिंगापुर और जकार्ता में 3 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई। शंघाई शेयर बाजार में 1.3 फीसदी की गिरावट आई। इस दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन में 1 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया।
एक्सीकॉर्प के स्टीफन इनेस ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में कमी आएगी, इसलिए कारोबारी बिकवाली कर रहे हैं। अमेरिकी बाजारों से नकारात्मक संकेत आने के बाद सभी उसकी गिरफ्त में हैं।
अमेरिका से एक के बाद एक कई बुरी खबरें आईं जिसका असर वॉल स्ट्रीट पर दिखा। हिल्टन ने अपनी कमाई के पूर्वानुमान को वापस ले लिया जबकि बोइंग ने कहा कि वह नियुक्तियों और ओवरटाइम भुगतान को निलंबित करेगा। इसके चलते डॉव में गिरावट आई और यह हाल में अपने उच्चतम स्तर से 20 प्रतिशत टूट चुका है।
कोरोना वायरस के प्रकोप से वास्तव में कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। सबसे अधिक असर पर्यटन पर हुआ है। चीन, ईरान और इटली समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस से 4,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1.24 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।