कोरोनावायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा दिया है। कोरोनावायरस के जन्म को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। दावे किए जाते रहे हैं कि कोरोनावायरस का जन्म वुहाल की लैब से हुआ, लेकिन चीन इससे इंकार करता रहा है। अब ब्रिटिश पत्रकार पत्रकार जैस्पर बेकर ने नया दावा किया।
उनके लेखों के आधार पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की प्रयोगशाला में जानवरों को वायरस के इंजेक्शन लगाए गए ताकि उनके जीन में बदलाव आए। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि इंजेक्शन में इस्तेमाल की गई सामग्री के कारण कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई।
कई चीनी वैज्ञानिकों ने कहा कि जल्द ही चीन की सचाई सबके सामने आएगी। चीनी वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग येन ने भी अमेरिकन रिपोर्ट पर मुहर लगाते हुए दावा किया था कि कोरोनावायरस चीन की लैब में निर्मित था जिसे जानबूझकर दुनिया में फैलाया गया था।
वुहान की लैब में जैनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से 1,000 से ज्यादा जानवरों के जीन बदल दिए गए हैं, जिनमें खरगोश और बंदर तक शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि चीन अपनी प्रयोगशालाओं में ऐसे एक्सपेरिमेंट करता है, जिन पर अन्य देशों में प्रतिबंध लगा है। इंसानों तक में प्रयोग किए जा रहे हैं। कई बार बंदरों के ऐसे फोटो भी आए जिन्हें लेकर दावा किया जाता है कि इन्हें लैब में ही बनाया गया है।
चीन दुनिया को यह बताने की कोशिश करता है कि वुहान या अन्य स्थानों में प्रयोगशालाएं जैव सुरक्षा पर शोध के लिए बनाई गई हैं, लेकिन यहां जीवित जानवरों पर प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
कुछ चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि महिला वायरोलॉजिस्ट ने कोरोनावायरस को बनाया है। शी झेंग ली ने दूरस्थ गुफाओं का दौरा किया था। वे यहां चमगादड़ों पर रिचर्स कर रही थीं।
चीन में झेंग ली बैट वुमन नाम से जानी जाती हैं। हो सकता है कि झेंग ली ने ही लैब में कोरोनावायरस बनाया हो। झेंगली ने कई चूहों को वायरस का इंजेक्शन लगाया था। चीन की अधिकतर खतरनाक लैब की निगरानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कर रही है।