Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Covid 19 India News: कोरोना को लेकर सरकार की चेतावनी, अगले 4 हफ्ते रहेंगे काफी भयावह, लापरवाही पड़ेगी भारी

हमें फॉलो करें Covid 19 India News: कोरोना को लेकर सरकार की चेतावनी, अगले 4 हफ्ते रहेंगे काफी भयावह, लापरवाही पड़ेगी भारी
, मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (20:59 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 बहुत तेज गति से फैल रहा है एवं महामारी की तीव्रता भी बढ़ी है तथा इसे देखते हुए अगले 4 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। सरकार ने संक्रमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया।
 
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मामले तेजी से बढ़ने से देश में महामारी के हालत और खराब हुए हैं और आबादी का एक बड़ा हिस्सा संक्रमण के प्रति संवेदनशील है।
 
उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के हथियार वहीं हैं। कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करना, निरुद्ध क्षेत्रों की पहचान, जांच आदि को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए, चिकित्सा ढांचे में सुधार और टीकाकरण अभियान तेजी से चलाए जाने की जरूरत है।
पॉल ने कहा कि महामारी की तीव्रता बढ़ गई है और यह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है। कुछ राज्यों में यह (हालात) अन्य के मुकाबले ज्यादा खराब है लेकिन बढ़ोतरी (मामलों में) देश भर में देखी जा सकती है।
 
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी अहम है। अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं। पूरे देश को एकजुट हो कर महामारी से लड़ने के प्रयास करने होंगे।
 
देश में महामारी के हालत पर विस्तार से चर्चा करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला उपचाराधीन मामलों में शीर्ष 10 जिलों में शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि जिन 10 जिलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं वे हैं पुणे, मुंबई, ठाणे, नागपुर, नासिक, बेंगलुरु शहर, औरंगाबाद, अहमदनगर,दिल्ली और दुर्ग।
webdunia
भूषण ने बताया कि केन्द्र ने 50 उच्चस्तरीय जनस्वास्थ्य टीमें गठित की हैं और उन्हें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में ज्यादा मामले सामने आने वाले और संक्रमण से ज्यादा मौतों वाले जिलों में तैनात किया गया है।
 
दक्षिणी राज्यों में प्रकोप जारी : देश के दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में कोरोनावायरस संक्रमण का प्रसार जारी है। मंगलवार को कर्नाटक में संक्रमण के 6 हजार से अधिक मामले सामने आए, तमिलनाडु में 3,645 और लोग संक्रमित पाए गए तथा केरल में साढ़े तीन हजार से अधिक और लोग संक्रमण के शिकार हुए। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि मंगलवार को संक्रमण के 6,150 मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 10,26,584 हो गए।
इस दौरान राज्य में कोविड-19 से 39 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 12,696 पर पहुंच गई। बुलेटिन के अनुसार, अब तक 9,68,762 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 45,107 मरीज उपचाराधीन हैं। तमिलनाडु में संक्रमण के 3,645 नए मामले सामने आने के बाद कुल मामले बढ़कर 9,07,124 हो गए। राज्य में कोविड-19 से 15 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 12,804 पर पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, अब तक 8,68,722 मरीज ठीक हो चुके हैं और अभी 25,598 मरीज उपचाराधीन हैं।
 
इसी बीच केरल में हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली जहां मंगलवार को 3,502 नए मामले सामने आए। राज्य सरकार ने बताया कि इसके साथ ही कुल मामले बढ़कर 11,41,092 हो गए और कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 29,962 पर पहुंच गई। संक्रमण के नए मामलों में 14 स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं। पिछले 24 घंटे में महामारी से 14 और मरीजों की मौत हो गई। केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने बताया कि अब तक राज्य में 11,06,123 लोग ठीक हो चुके हैं। केरल में अब तक कोविड-19 से 4,694 मरीजों की मौत हो चुकी है।
webdunia
लॉकडाउन लगा तो जीडीपी में गिरावट : भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अभी काफी ‘धीमा’ है और ऐसे में यदि कोविड-19 संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक माह का लॉकडाउन लगाया जाता है, तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2 प्रतिशत तक घट सकता है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने मंगलवार को यह बात कही।
 
बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा कि संक्रमण के मामले छह गुना बढ़कर 1.03 लाख पर पहुंच गए हैं। राज्य सरकारों ने इसकी प्रतिक्रिया में अभी स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया है। बोफा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन घोषित होता है, तो यह ‘आखिरी रास्ता’ होगा। इससे वृद्धि की प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ सकता है। अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अभी ‘हल्का’ है।
 
रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 के बढ़ते मामले अर्थव्यवस्था के सुस्त पुनरुद्धार को देखते हुए चिंता बढ़ाते हैं। हमारा अनुमान है कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया जाता है, तो वार्षिक जीडीपी में एक से दो प्रतिशत की कमी आएगी। यह कहने की जरूरत नहीं कि इससे राजकोषीय जोखिम भी बढ़ेगा।
 
देश में बीते वित्त वर्ष में कोविड-19 संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगाया गया था। यह जीडीपी में सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट की प्रमुख वजह है। विश्लेषकों का अनुमान है कि आधार प्रभाव की वजह से 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
 
ब्रोकरेज ने कहा कि संक्रमण के मामले अपने अधिकतम स्तर को पार कर गए हैं। साथ ही उसने चेताया कि मामलों में बढ़ोतरी की रफ्तार तेज हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में जून मध्य के 10,000 के स्तर से सितंबर मध्य तक 90,000 मामले पहुंचने में तीन महीने लगे थे। इस बार इसमें सिर्फ 6 सप्ताह लगे हैं।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की जांच अभी पर्याप्त से काफी नीचे है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि संक्रमण में वृद्धि की वजह जांच का नहीं बढ़ना है। बोफा सिक्योरिटीज ने हालांकि, कहा है राहत की बात है कि मृत्यु दर अभी काफी कम है। सोमवार को संक्रमण से 42 लोगों की मौत हुई। यह जब मामले 97,000 के उच्चस्तर पर थे, उसकी तुलना में 42 प्रतिशत कम है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बांदा जेल छावनी में तब्दील, देर रात्रि तक पहुंचेगा माफिया मुख्तार अंसारी