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Special Report : नागपुर में बेकाबू ‘वायरस’, प्रशासन ने बनाया ‘ट्रीपल टी’ प्‍लान

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नवीन रांगियाल

  • सोमवार को ही नागपुर में 2297 लोग संक्रमित मिले
  • अस्‍पतालों के बीच एक इमारत से एक साथ निकले 35 लोग संक्रमित
  • प्रशासन ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्‍टिंग कॉन्‍सेप्‍ट पर कर रहा काम
  • स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का मोबाइल व्‍हीकल इलाकों में जाकर कर रहा जांच
  • भीड़ और आवाजाही पर सख्‍ती के लिए 2500 जवान किए तैनात
     
महाराष्‍ट्र का नागपुर शहर एक बार फि‍र से कोरोना संक्रमण की जद में है। यहां कोरोना से संक्रमित मरीजों का प्रतिशत 28 से 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है, यानि‍ अगर 100 लोगों की टेस्‍ट‍िंग होती है तो उनमे से 30 लोग पॉजिटि‍व निकल रहे हैं।

नागपुर का एनएमसी प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अब तीन सूत्र ट्रेकिंग, ट्रेसिंग और टेस्‍टिंग वाले कॉन्‍सेप्‍ट पर काम कर रहा है। मकसद है ज्‍यादा से ज्‍यादा कोरोना संक्रमितों का पता लगाना और उनका इलाज करना है। इसके लिए एनएमसी के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मोबाइल व्‍हीकल्‍स अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों की टेस्‍टिंग कर रहे हैं।

इस बीच 15 मार्च से पूरे नागपुर में लॉकडाउन लगा दिया गया है, सिर्फ जरूरी सामग्री की दुकानें ही खुली रखी गई हैं, हालांकि जरूरी सामग्री की खरीददारी के नाम पर लोगों की आवाजाही जारी है, प्रशासन इस लापरवाही से निपटने के लिए भी भरसक प्रयास कर रहा है।

लॉकडाउन नहीं, सख्‍ती की गई है
इस बारे मेंएनएमसी कमिश्‍नर राधाकृष्‍णन बीनेवेबदुनिया डॉट कॉमको चर्चा में बताया कि इसे हम लॉकडाउन नहीं कहना चाहेंगे, यह एक्‍सटेंडेंट सख्‍ती है। मकसद है भीड को कंट्रोल करना। इसलिए शादी, सोशल गेदरिंग, मॉल्‍स और बाजारों को बंद किया है। बाकी इमरजेंसी सेवाएं और जरूरी सामानों की खरीद-फरोख्‍त जारी हैं।

ऐसे निकल रहे संक्रमित
नागपुर में निकल रहे संक्रमित मरीजों की बात करें तो सोमवार को ही करीब 2 हजार 297 लोग जांच के बाद पॉजिटि‍व निकले हैं। संक्रमित मरीज मिलने के बाद इलाज के साथ ही उनकी कॉन्‍टेक्‍ट ट्रेसिंग की जा रही है। शहर के कई अस्‍पतालों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की व्‍यवस्‍था की गई है।

एक इमारत में 35 पॉजिटि‍व
शहर में फेल रहे संक्रमण का आलम यह है कि नागपुर का मेडि‍कल हब कहे जाने वाले धंतोली क्षेत्र में ही एलआईसी की एक इमारत में एक साथ 35 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके बाद एनएमसी ने बिल्डिंग को सील कर दिया है। बिल्डिंग के सभी रहवासी पॉजिटिव आए हैं। संभवत: इस बार की यह पहली इमारत है, जो सील की गई है।
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निगरानी के लिए 2500 जवान तैनात
शहर में लॉकडाउन का सख्‍ती से पालन करवाने के लिए करीब 2500 जवानों की विभि‍न्‍न इलाकों में तैनाती की गई है। इनमें महिला जवान भी शामिल हैं। इस बीच कमिश्‍नर ऑफ पुलिस अमितेश कुमार लगातार शहर का दौरा कर मुआयना कर रहे हैं। नियम तोड़ने वालों को पहले समझाइश दी जा रही है, नहीं मानने पर एक दिन के लिए हवालात भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं। बावजुद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

नहीं हो रहा नियमों का पालन
हाल ही में पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने कोरोना की रोकथाम के लिए कर्फ्यू जैसे लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसमें सिर्फ जरूरी सामग्री और सेवा को बहाल रखने की अनुमति थी। इस सख्‍ती की वजह से नागपुर के प्रमुख बाजार सीताबर्डी, सदर, गोकुलपेठ, महल, सक्करदरा, धरमपेठ, जरीपटका, इंदोरा, कमाल चौक, इतवारी, लकड़गंज, पारडी, नंदनवन की दुकानें बंद रहीं। सिर्फ जरूरी सामानों की दुकानें ही खुली रहीं। लेकिन पाबंदी के बावजूद सड़कों पर लोगों की आवाजाही जारी है। आवागमन को लेकर कोई रोकटोक नजर नहीं आ रही है।

क्‍या कहते हैं स्वास्‍थ्‍य मंत्री?
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री राजेश टोपे ने हाल ही में मीडि‍या में बयान दिया है कि हम ट्रेकिंग, ट्रेसिंग और टेस्‍टिंग वाले कॉन्‍सेप्‍ट पर काम कर रहे हैं। सरकारी कामों पर रोक लगाई गई है। कुछ स्‍थानों पर नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन जारी है। वैसे लॉकडाउन कोई विकल्‍प नहीं है, हम लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। लेकिन हर शहर में नियमों को लेकर सख्‍ती बरती जाएगी।

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