कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus vaccine) का इंतजार आज दुनियाभर में हो रहा है। कई देशों में कोरोना वैक्सीन के टीके के क्लीनिकल ट्रायल भी चल रहे हैं। रूस ने तो कोरोना के दो वैक्सीन का ऐलान भी कर दिया है। इसी बीच वैज्ञानिक यह भी रिसर्च कर रहे हैं कि अगर कोरोना महामारी का इलाज मिल गया तो क्या मोटे लोगों पर यह प्रभावी होगी।
अमेरिका में एक रिसर्च में बताया गया है कि कोविड वैक्सीन मोटे लोगों पर अप्रभावी रह सकती है। कोविड-19 की जटिलता उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले लोगों की स्थिति को खराब कर देती है। विशेषज्ञों ने कोविड-19 से संक्रमित 812 मरीजों के BMI का अध्ययन किया।
ये संक्रिमत मरीज या तो बीमारी से ठीक हो चुके थे या अभी भी संक्रमण से जूझ रहे थे। रिसर्च में 812 लोगों में 70 प्रतिशत मोटे लोग थे जबकि कोविड-19 के चलते मरने वालों की 82 फीसदी तादाद ज्यादा वजन वाले लोगों की थी। रिपोर्ट के मुताबिक मोटे लोग कोरोनावायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील साबित हुए।
शोधकर्ताओं के मुताबिक मोटापा शरीर के इम्युन रिस्पॉंस को कमजोर कर सूजन को गंभीर कर देता है। इससे शरीर कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में कमजोर हो जाता है। अलाबामा यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर चड पेटिट के मुताबिक सवाल ये नहीं है कि वैक्सीन वायरस से बचाएगी या नहीं बल्कि सवाल वैक्सीन के असरदार होने को लेकर है।
क्यों रह सकती है अप्रभावी : सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे से जुड़ी समस्या कोविड-19 के असर खत्म कर सकती है। शोधकर्ताओं ने शोध के आधार पर कहा है कि है कि भारत की 5 फीसद आाबादी मोटापे से जूझ रही है।
दुनिया में अगले एक दशक तक मोटे लोगों की संख्या 40 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। उनके मुताबिक वैक्सीन को असरदार बनाने के लिए T Cells बहुत महत्वपूर्ण है। T Cells संक्रमण से बचाता है और इम्युन सिस्टम को बीमारी के खिलाफ लड़ने में सहायता करता है जबकि मोटे लोगों में सूजन के कारण T Cells फायदा पहुंचाने का गुण खो देते हैं, इसलिए मोटे लोगों पर वैक्सीन के असरदार होने की आशंका वैज्ञानिकों ने जताई है।