वॉशिंगटन। भारत में सरकार NEET की परीक्षा समय पर आयोजित करने पर अड़ी हुई है। इस फैसले का देशभर में विरोध किया जा रहा है। अमेरिका में भी स्कूल और कॉलेज खोलने का विरोध किया जा रहा था। ट्रंप सरकार ने लोगों की एक ना सुनी। शिक्षण संस्थाएं खोल दी ई और देखते ही देखते देश के 24 राज्यों के कॉलेजों में संक्रमण के हजारों मामले सामने आए। इससे अमेरिका में हड़कंप मचा हुआ हैं।
बताया जा रहा है कि संक्रमित होने वालों में 3300 स्टूडेंट और टीचिंग स्टाफ भी शामिल हैं। अकेले मिसीसिपी राज्य में करीब 4 हजार स्टूडेंट्स और 600 टीचर्स को क्वारंटीन किया गया है।
मिसीसिपी में सिर्फ 17 से 21 अगस्त के बीच ही स्कूलों में पढ़ाने वाले 144 शिक्षक और 292 स्टूडेंट्स संक्रमित मिले हैं। राज्य के हेल्थ ऑफिसर डॉ थॉमस ई डॉब्स ने बताया कि 31 स्कूलों से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
एहतियातन इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और यहां काम करने वाले स्टाफ को क्वारैंटाइन किया गया है। इसी तरह अलबामा विश्वविद्यालय में कक्षाएं शुरू होने के एक सप्ताह के बाद कोविड-19 के 566 मामले सामने आए हैं।
उल्लेखनीय है कि मार्च में वसंत की छुट्टियों के बाद मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्कूल-कॉलेज खोलने की जिद के चलते शिक्षण संस्थाएं खोलने का निर्णय लिया गया था और पिछले सप्ताह 20,000 से अधिक छात्र विश्वविद्यालय आना शुरू हुए थे।
इंग्लैंड में स्कूलों में मास्क अनिवार्य : ब्रिटेन की सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंग्लैंड के माध्यमिक विद्यालयों में कर्मचारियों और 12 या उससे अधिक आयु के विद्यार्थियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।
शिक्षा विभाग ने कहा कि आने वाली हफ्तों में इंग्लैंड के स्कूलों के नए अकादमिक वर्ष के लिए फिर से खुलने की तैयारी करने के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मास्क संबंधी नियम के तहत स्कूलों को भी इसका पालन करने की जानकारी दी जा रही है।
ब्रिटेन के शिक्षा मंत्री गेविन विलियमसन ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बच्चों को सुरक्षित स्कूल वापस लाना है। हमने हर स्तर पर नवीनतम चिकित्सा और वैज्ञानिक सलाह पर ध्यान दिया है।
सियोल में 11 सितंबर तक स्कूल बंद : उधर कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण दक्षिण कोरिया के सियोल में 11 सितंबर तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दो सप्ताह में 200 बच्चे और स्टाफ़ संक्रमित हुए हैं। पूरी दुनिया में अनलॉक में कोरोनावायरस एक बार फिर तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है।