लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने एक व्यक्ति पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है जिसने यह याचिका दायर की थी कि कोविड-19 महामारी का अस्तित्व नहीं है इसलिए सरकार को इसके लिए टीका नहीं खरीदना चाहिए। लाहौर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को याचिकाकर्ता अजहर अब्बास पर जुर्माना लगाया और भविष्य में ऐसी याचिका दायर करने के प्रति उसे चेतावनी दी।
एसी की मरम्मत करने का काम करने वाले अब्बास ने याचिका में कहा था कि कोरोनावायरस एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है और लोगों के हाथ मिलाने से यह नहीं फैलता। उसने कहा कि कोविड-19 के लक्षण दशकों पहले से ही मौजूद हैं और वह जानलेवा नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद कासिम खान ने याचिकाकर्ता से बार-बार कहा कि वह हवाई बातें करने की बजाय अपनी दलील के समर्थन में चिकित्सकीय साक्ष्य पेश करे। अब्बास कोई तर्कपूर्ण जवाब देने में असफल रहा और कहता रहा कि यह मुस्लिमों के प्रति एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। उसने अदालत से यह भी कहा कि वह सरकार को कोरोनावायरस का टीका खरीदने से रोके।
मुख्य न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 2 लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने समाज में भय पैदा करने की कोशिश की। (भाषा)