Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Covid 19 मरीजों की मदद और मृतकों का अंतिम संस्कार कर मिसाल बने 'एम्बुलेंस दंपति'

हमें फॉलो करें Covid 19 मरीजों की मदद और मृतकों का अंतिम संस्कार कर मिसाल बने 'एम्बुलेंस दंपति'
, शनिवार, 15 मई 2021 (16:47 IST)
नई दिल्ली। 'एम्बुलेंस दंपति' के नाम से जाने जाने वाले हिमांशु कालिया और ट्विंकल कालिया संक्रमितों को जल्द से जल्द उपचार दिलाने और संक्रमण के कारण दम तोड़ चुके मरीजों का अंतिम संस्कार करके कोविड-19 के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं।

 
पीपीई किट, फेस शील्ड और मास्क पहने कालिया दंपति मरीजों को अस्पताल ले जाने, उनके लिए दवाइयां मुहैया कराने, मृतकों के अंतिम संस्कार का प्रबंध करने और कई बार स्वयं भी अंतिम संस्कार करके मानवता की सेवा कर रहे हैं। उनकी 12 एम्बुलेंस हर आपात स्थिति से निपटने के लिए सड़क पर हमेशा तैयार खड़ी रहती हैं।
 
हिमांशु ने कहा कि हम इस बात का रिकॉर्ड नहीं रखते, लेकिन कोरोनावायरस की दूसरी लहर में हम रोजाना करीब 20-25 मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। हमने कोविड-19 के कारण दम तोड़ने वाले 80 लोगों का अंतिम संस्कार किया है और 1,000 से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार का प्रबंध करने में मदद की है। उन्होंने बताया कि वे यह सब नि:शुल्क कर रहे हैं।

 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 2019 में 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित की जा चुकीं और कैंसर से जंग जीत चुकीं ट्विंकल ने बताया कि उन्हें मयूर विहार से एक मरीज के संबंध में फोन आया जिसने अस्पताल ले जाते समय ऑटो रिक्शा में ही दम तोड़ दिया था।

 
प्रताप विहार में रहने वालीं ट्विंकल ने कहा कि हम जल्द वहां पहुंचे और चिकित्सक से सत्यापन के बाद शव के अंतिम संस्कार में मदद की। कालिया दंपति की 2 बेटियां हैं, लेकिन भारत के इस सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट में उनकी निजी प्रतिबद्धताएं लोगों की मदद करने के उनके उत्साह के आड़े कभी नहीं आईं।

webdunia
 
हिमांशु ने बताया कि उन्हें लोग दिल्ली ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद और नोएडा से भी मदद से लिए फोन कॉल करते हैं। ट्विंकल को दुबई में 2015 में एक संगठन ने 'पहली महिला एम्बुलेंस चालक' बनने के लिए सम्मानित किया था। हिमांशु को 2016 में मलेशिया में 'एम्बुलेंस मैन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुलाम नबी आजाद ने मोदी को लिखा पत्र, टीके की आपूर्ति बढ़ाने पर दिए सुझाव