वॉशिंगटन। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें इतिहास में पहली बार ज़ीरो से भी नीचे पहुंच गई यानी नेगेटिव हुई हैं। यहां तक कि 1 बैरल तेल खरीदने पर ग्राहकों को 3 डॉलर की पेशकश की जा रही है। यह गिरावट का सबसे निचला रिकॉर्ड स्तर है। कच्चे तेल की मांग घटने और स्टोरेज की कमी की वजह से तेल कीमतों में यह गिरावट आई है।
वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) जिसे अमेरिकी तेल का बेंचमार्क माना जाता है, में कीमतें गिरकर माइनस 37.63 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट में भी कच्चे तेल के दाम में 8.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यहां तेल की कीमत गिरकर 26 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
अमेरिकी कच्चा तेल की जून डिलीवरी में भी 14.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, फिलहाल इसकी कीमत 21.32 डॉलर प्रति बैरल है। ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 1.78 डॉलर घट कर 26.30 डॉलर/बैरल पहुंच गई।
क्यों हुआ क्रूड का बुरा हाल : दरअसल, मई डिलीवरी के सौदे के लिए मंगलवार अंतिम दिन है और व्यापारियों को भुगतान करके डिलीवरी लेनी थी। लेकिन मांग नहीं होने और कच्चा तेल को रखने की समस्या के कारण कोई डिलीवरी लेना नहीं चाह रहा है। यहां तक कि जिनके पास कच्चा तेल है, वे पेशकश कर रहे हैं कि ग्राहक उनसे कच्चा तेल खरीदे। साथ ही वे उसे प्रति बैरल 3.70 डॉलर की राशि भी देंगे। (इसी को कच्चे तेल की कीमत शून्य डॉलर/बैरल) से नीचे जाना कहते हैं।)
मई डिलीवरी की तारीख नजदीक है और उसमें लेन-देन कम हो रही है। कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आई है और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच चुकी हैं।