नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में हाहाकार मचा दिया था। इस बीच कोरोनावायरस के बदलने की खबरों ने चिंताओं को बढ़ा दिया।
आशंका है कि डेल्टा वैरिएंट Delta+ में तब्दील हो चुका है। अब वैज्ञानिकों को इस डेल्टा वेरिएंट के ज्यादा म्यूटेंट वर्जन के फैलने की आशंका है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि भारत में सबसे पहले मिला कोरोनावायरस का डेल्टा वेरिएंट अब और भी संक्रामक AY.1 या Delta+ में म्यूटेट कर चुका है।
खबरों के मुताबिक यह नया म्यूटेंट एंटीबॉडी कॉकटेल (Antibody Cocktail) को भी बेअसर कर देता है। कोविड-19 वेरिएंट पर पिछले शुक्रवार तक अपडेट की गई रिपोर्ट में भारत ने 7 जून तक डेल्टा+ के 6 मामले दर्ज किए थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार ब्रिटिश सरकार के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग की एक कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने ग्लोबल साइंस GISAID की पहल पर अब तक नए Okay417N उत्परिवर्तन के साथ डेल्टा (B.1.617.2) के 63 जीनोम की पहचान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा-AY.1 डेल्टा में विविधताओं की नियमित स्कैनिंग के माध्यम से पाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक बहुत कम संख्या में ज्ञात अनुक्रमों ने स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन Okay417N को हासिल कर लिया था। वैज्ञानिकों ने इस तरह के सबसे पहले सिक्वेंस का पता मार्च के अंत में यूरोप में लगाया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप, एशिया और अमेरिका के 127 सीक्वेंस अब पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। खबर के मुताबिक दुनियाभर में अब उपलब्ध कई जीनोम AY.1 या B.1.617.2.1 वंश का हिस्सा थे। वैज्ञानिकों को आशंका है कि कोरोना मरीजों को दी जा रही मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल इस वैरिएंट पर बेअसर हो सकती है।