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Corona की बढ़ती रफ्तार के बीच DGCA सख्त, मास्क ना लगाने पर प्लेन से उतारे जा सकते हैं पैसेंजर

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, बुधवार, 8 जून 2022 (22:40 IST)
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। DGCA ने कहा कि एयरलाइन कंपनियों को ऐसे किसी यात्री को प्रस्थान से पहले विमान से नीचे उतार देना चाहिए, जो चेतावनी के बाद भी विमान के अंदर मास्क पहनने से इनकार करता है।
 
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक परिपत्र में कहा कि यदि कोई यात्री उड़ान के बीच में मास्क पहनने से इनकार करता है या कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो एयरलाइन उसे ‘‘अनियंत्रित यात्री’’ के तौर पर वर्गीकृत करते हुए कुछ अवधि के लिए उसके विमान में सफर करने पर रोक लगा सकती है।
 
परिपत्र में कहा कि इसके अलावा, हवाईअड्डा संचालकों को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए।
 
परिपत्र तीन जून के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि ‘‘डीजीसीए को ऐसे यात्रियों और अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए हवाईअड्डों और विमान में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग बाध्यकारी निर्देश जारी करना चाहिए जो मास्क लगाने और स्वच्छता मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।’’
 
अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को ‘नो फ्लाई’ सूची में डाला जाना चाहिए।
 
डीजीसीए के बुधवार के परिपत्र में कहा गया है कि एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्री उड़ानों में ठीक तरह से मास्क पहनें और उन्हें केवल ‘‘असाधारण परिस्थितियों में और अनुमत कारणों से’’ चेहरे से हटायें।
 
इसमें कहा गया है कि यदि किसी यात्री को अतिरिक्त मास्क की आवश्यकता होती है, तो एयरलाइन को इसे प्रदान करना होगा।
 
इसमें कहा गया, ‘‘एयरलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनियों के बाद भी उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसे प्रस्थान से पहले, यदि आवश्यक हो, तो उसे विमान से नीचे उतार देना चाहिए।’’
 
परिपत्र में कहा गया है कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनी के बाद भी उड़ान के बीच में मास्क पहनने से इनकार करता है या कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे डीजीसीए नियमों में परिभाषित ‘‘अनियंत्रित यात्री’’ माना जा सकता है।
 
डीजीसीए के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को ‘‘अनियंत्रित’’ घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं हो।
 
इसमें कहा गया है, सभी हवाईअड्डा संचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए घोषणाएं और निगरानी बढ़ानी चाहिए कि टर्मिनल पर यात्रियों ने मास्क ठीक से पहना हो और हवाईअड्डा परिसर के भीतर हर समय कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करे।
 
इसमें कहा गया है कि यदि कोई यात्री मास्क नहीं पहनता है या मास्क पहनने और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने से इनकार करता है, तो उस पर संबंधित राज्य के कानून के अनुसार जुर्माना लगाया जाना चाहिए, जहां हवाई अड्डा स्थित है और उसे सुरक्षा एजेंसियों को भी सौंपा जा सकता है।’’
 
इसमें कहा गया है कि हवाईअड्डा संचालकों को हवाई अड्डों पर स्वच्छता के उपाय करने चाहिए और टर्मिनल में प्रमुख स्थानों पर हैंड सैनिटाइज़र या डिस्पेंसर उपलब्ध कराने चाहिए।

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