वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया की ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवाई ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि निजी अनुरोध के बाद भी भारत का दवाई ना देना उनके लिए चौंकाने वाला होगा क्योंकि वाशिंगटन के नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध हैं।
‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ मलेरिया की एक पुरानी और सस्ती दवाई है। ट्रंप इसे कोविड-19 के इलाज के लिए एक व्यवाहरिक उपचार बता रहे हैं। संक्रमण से अमेरिका में 10,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब साढ़े तीन लाख लोग इससे संक्रमित हैं।
ट्रंप ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ की गोलियों की खेप भेजने की अनुमति देने को कहा था जिसका आदेश अमेरिका ने दिया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और मैंने कहा कि अगर आप हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई को अनुमति दे रहे हैं, तो हम इसकी सराहना करेंगे। अगर वह इसकी अनुमति नहीं देते हैं तो भी कोई बात नहीं। लेकिन वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2 दिन पहले ही पीएम मोदी से फोन पर बात कर हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन दवा मांगी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बातचीत के बारे में ट्वीट कर कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस से निपटने में संभावित गेमचेंजर के रूप पेश किया है।
उनका कहना है कि कोरोना जैसे महामारी से निपटने में यह बेहद कारगर हो सकती है। अमेरिका ने भारतीय दवा कंपनियों को इस दवा का बड़ा ऑर्डर दिया है। भारत ने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी है।